इतिहास रचने से चूकी भारतीय महिला हॉकी टीम, कप्तान रानी रामपाल के पिता बोले- 'मेरे लिये ये जीत'

भारतीय महिला हॉकी टीम का पहला ओलिंपिक पदक जीतने का सपना अधूरा रह गया. महिला हॉकी में ब्रिटेन ने भारतीय महिला हॉकी टीम को कड़े मुकाबले में हरा दिया.

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जब रानी रामपाल वापस आएंगी, तो उनका बहुत स्वागत करेंगे : रानी रामपाल के पिता
नई दिल्ली:

भारतीय महिला हॉकी टीम का पहला ओलिंपिक पदक जीतने का सपना अधूरा रह गया. टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics) में कांस्य पदक के लिए मुकाबले में ब्रिटेन ने भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women's Hockey Team) को 4-3 से शुक्रवार को हरा दिया. महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल (Rani Rampal) के पिता ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "मैं इसको हार नहीं मानता. ये हमारे लिए जीत है. लड़कियों ने बहुत अच्छा खेला. मेरे लिये ये जीत है."

रानी रामपाल के पिता ने मैच के बाद कहा, "मैं इसको हार नहीं मानता. ये हमारे लिए जीत है. लड़कियों ने बहुत अच्छा खेला. हार जीत तो लगी रहती है. जब रानी रामपाल वापस आएंगी, तो उनका बहुत स्वागत करेंगे. सरकार ने पूरा सपोर्ट किया है. अभी बहुत टूर्नामेंट होंगे और हम जीतते रहेंगे. मेरे लिए ये जीत है."

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बता दें कि भारतीय महिला हॉकी टीम ने पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचकर पहले ही इतिहास रच दिया था, लेकिन 2016 रियो ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता ब्रिटेन को हरा नहीं सकी, जिससे भारतीय टीम कड़े मुकाबले में कांस्य के करीब आकर चूक गई. 

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