तेलुगू देशम पार्टी (TDP) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) कथित 371 करोड़ रुपये के आंध्र प्रदेश कौशल विकास निगम घोटाला (Andhra Pradesh Skill Development Corporation Scam)मामले में गिरफ्तार किए जाने के 53 दिन बाद मंगलवार शाम को जमानत पर बाहर आए. राजामहेंद्रवरम सेंट्रल जेल (Rajamahendravaram Central Jail)से बाहर निकलने पर नायडू ने अपने समर्थकों का शुक्रिया अदा किया.
नायडू के जेल से बाहर आते ही राजमुंदरी और आंध्र प्रदेश की कई अन्य जगहों पर समर्थकों ने जश्न मनाया. राजमुंदरी से अपने घर गुंटूर के ताडेपल्ली जाने के दौरान नायडू ने समर्थकों से कहा, "जब मैं मुसीबत में था, तो न केवल आंध्र प्रदेश, बल्कि तेलंगाना और दुनिया भर में भी आप सड़कों पर आए और मेरे लिए प्रार्थना की. मैं मेरे प्रति दिखाए गए स्नेह को कभी नहीं भूलूंगा." चंद्रबाबू नायडू को 9 सितंबर को स्किल डेवलपमेंट घोटाले में CID ने नांदयाल से गिरफ्तार किया था.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने 73 वर्षीय चंद्रबाबू नायडू को 4 हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत दे दी. नायडू ने दाहिनी आंख में मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल की थी. नायडू को 28 नवंबर को शाम 5 बजे से पहले जेल सुपरिटेंडेंट के सामने सरेंडर करना होगा. 4 हफ्ते की अंतरिम जमानत के लिए उन्हें 1 लाख रुपये का बेल बॉन्ड और इतनी ही राशि के दो-दो श्योरिटीज भरनी होगी. अदालत ने उन्हें अपनी पसंद के अस्पताल में इलाज करने की परमिशन दी है, लेकिन नायडू को कोर्ट में मेडिकल रिपोर्ट जमा करनी होगी.
इसके साथ ही अदालत ने चंद्रबाबू नायडू को जेल से बाहर रहने के दौरान स्किल डेवलपमेंट स्कैम मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रेरित करने, धमकी देने या वादा करने से मना किया है.
YSR कांग्रेस पार्टी बोली- जेल से रिहाई का जश्न मनाना शर्मनाक
इस बीच आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता सज्जला रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि यह शर्मनाक है कि टीडीपी प्रमुख नायडू की जेल से रिहाई का जश्न मना रही है. उन्होंने कहा, "कल, चंद्रबाबू नायडू को शराब डिस्टिलरी के लिए अवैध लाइसेंस की अनुमति देने के मामले में आरोपी नंबर 3 नामित किया गया था. नायडू ने उस मामले में भी अग्रिम जमानत मांगी थी. स्किल डेवलपमेंट स्कैम मामले के अलावा वह फाइबरनेट और इनर रिंग रोड मामलों में भी आरोपी हैं.''
नायडू पर क्या है आरोप?
73 वर्षीय नायडू पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने साल 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए स्कील डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के फंड का कथित तौर पर गलत इस्तेमाल किया था. इस वजह से राज्य के खजाने को 371 करोड़ का नुकसान हुआ. CID ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाया था कि नायडू सराकरी फंड को खुद के उपयोग के लिए उसे परिवर्तित करने या धोखाधड़ी से दुरुपयोग करने, पब्लिक सर्वेन्ट्स के अधिकार की प्रॉपर्टी के निपटान, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों को बनाने और सबूतों को नष्ट करने जैसे आपराधिक साजिशों में शामिल रहे.
CID ने नायडू के खिलाफ पांचवां केस दर्ज किया
इधर, CID ने नायडू के खिलाफ पांचवां केस दर्ज किया है. ताजा मामला शराब दुकानों के लाइसेंस से जुड़ा है. नायडू पर आरोप है कि पिछली सरकार में उन्होंने गैरकानूनी शराब दुकानों को लाइसेंस दे दिया था. चंद्रबाबू के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करेप्शन (PC) एक्ट 1988 के तहत केस दर्ज किया गया है. इस केस में चंद्रबाबू को आरोपी नंबर 3 बनाया गया है. स्किल डेवलेपमेंट घोटाले में वह जमानत पर हैं. वहीं अंगालू केस, फाइबर नेट स्कीम केस और अमरावती रिंग रोड मामले में भी उनके खिलाफ जांच चल रही है.
पिछले महीने चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी से राजनीतिक उथल-पुथल मच गई थी. राज्य में कई जगहों पर वाईएसआर कांग्रेस और सीएम जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ हिंसक झड़पें हुईं. पार्टी नेताओं ने व्हीच हंटिंग (witch hunt) के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार की आलोचना की थी.
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