भारत की दूसरी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स ने बुधवार को राज्य में वाहन विनिर्माण सुविधा की स्थापना का पता लगाने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. MoU के मुताबिक, अगले पांच सालों में तमिलनाडु में अपना प्लांट बनाने के लिए कंपनी 9,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
कंपनी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से राज्य में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 5,00 नौकरियां पैदा हो सकती हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और उद्योग मंत्री टी आर बी राजा की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया. एक्स पर पैक्ट के बारे में घोषणा करते हुए तमिलनाडु मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि यह ऐतिहासिक कदम भारत की बेजोड़ ऑटोमोबाइल राजधानी के रूप में इसकी स्थिति को और मजबूत करता है, जो कलैग्नार के कार्यकाल के दौरान हुंडई के निवेश के परिवर्तनकारी प्रभाव की याद दिलाता है.
इस कदम के बाद, राज्य के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि "तमिलनाडु ने केवल 2 महीने के भीतर दो बड़े ऑटोमोबाइल विनिर्माण निवेश आकर्षित किए हैं. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, पिछले कुछ सालों में तमिलनाडु तेजी से आगे बढ़ा है और निवेश के लिए अंतिम केंद्र बन गया है, जो हमारे जीवंत युवाओं के लिए शीर्ष स्तरीय रोजगार को बढ़ावा देने और हमारी औद्योगिक शक्ति को बढ़ाने के लिए हमारे मुख्यमंत्री के समर्पण को दर्शाता है."
हालांकि, टाटा मोटर्स ने अपनी एक्सचेंज फाइलिंग में यह नहीं बताया कि वह तमिलनाडु की नई सुविधा में कौन से वाहन बनाएगी. दो महीने में तमिलनाडु में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाली यह दूसरी ऑटोमोबाइल प्रमुख है. इस साल जनवरी में वियतनाम की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निर्माता विनफास्ट ने पहले चरण में 4000 करोड़ निवेश का वादा किया था जो 16000 करोड़ रुपये तक जा सकता है.