अमेज़ान प्राइम (Amazon Prime) की वेब सीरीज़ ‘तांडव' (Web Series Tandava) को लेकर विवाद गहरा गया है. वेब सीरीज़ को लेकर लखनऊ और मुंबई में एफ़आईआर दर्ज हुई हैं. इनमें इस वेब सीरीज़ पर सामाजिक द्वेष और अशांति फैलने का आरोप लगाया गया है. 15 जनवरी को अमेज़ान प्राइम पर रिलीज़ हुई सैफ़ अली खान की वेब सीरीज़ ‘तांडव‘ को लेकर 17 जनवरी को अमेज़ान प्राइम की इंडिया हेड के अलावा फ़िल्म के निर्माता और निर्देशक सहित पांच लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई गई. यह एफ़आईआर लखनऊ के एक सब इन्स्पेक्टर ने अपने ही थाने में दर्ज कराई. इस एफआईआर में हिंदू देवी-देवताओं का मज़ाक़ उड़ाने और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है.
बीजेपी के कई नेता इस वेब सीरीज़ के खिलाफ़ खड़े हो गए हैं. बीजेपी सांसद मनोज कोटक ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर इस पर रोक लगने का अनुरोध किया है. महाराष्ट्र के बीजेपी नेता और विधायक राम कदम ने पहले घाटकोपर थाने में और फिर साइबर पुलिस थाने में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
विधायक राम कदम ने इस माामले को लेकर शिवसेना पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया - ''देखें तांडव वेब सीरीज मामले में पुलिस FIR ले रही थी पर महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें रोक दिया. किसे बचाना चाहती है. लखनऊ में तुरंत FIR दाखिल होकर वहां से 4 पुलिस मुंबई के लिए रवाना हो गए. पर हिंदुत्व का झूठा झामा पहने वाली शिवसेना खामोश क्यों है?''
इस मामले में अमेज़ान प्राइम की तरफ़ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन फ़िल्म इंडस्ट्री से निर्देशक संजय गुप्ता ने इस सीरीज़ के हक़ में सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा “अभी तांडव देखना शुरू किया, ये बहतरीन है और अच्छे इरादे से बनाया गया है. ये शो कुछ लोगों के लिए तकलीफ़देह हो सकता है क्योंकि ये उन्हें आईना दिखाता है. नाराज़गी अपेक्षित है.''
वहीं निर्देशक हंसल मेहता ने अपने ट्वीट में मीडिया को आगाह करते हुए लिखा “प्रिय इंटरटेनमेंट मीडिया आपको एक बार फिर से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. कृपया जान-बूझकर फैलाए गए तांडव के इस फ़िज़ूल के विवाद को बढ़ावा न दें, आपको पहले ही काफ़ी इस्तेमाल कर लिया गया है."
दिलचस्प ये है कि जेडीयू ने तांडव के विरुद्ध किसी भी कार्रवाई का कड़ा विरोध किया है. पार्टी के महासचिव केसी त्यागी का कहना है कि नेता-अफ़सर किसी फिल्म या वेब सीरीज़ की सामग्री तय नहीं कर सकते.
खबरों के मुताबिक सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अमेज़ान प्राइम से तमाम आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा है.