तमिलनाडु देश का पहला राज्य होगा जहां दो से 18 साल तक के बच्चों को कोविड-19 रोधी टीका दिया जाएगा. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम ने बुधवार को यह बयान दिया. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि केंद्र सरकार ने टीके पर औपचारिक घोषणा कर दी है और विशेषज्ञों की राय के लिए प्रस्ताव भेजा है तथा एक बार तमिलनाडु को मंजूरी मिलने के बाद यह पहला राज्य होगा जहां बच्चों को टीका दिया जाएगा.केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने भारत बायोटेक के टीके को कुछ शर्तों के साथ, दो से 18 साल के बच्चों को देने के वास्ते आपातकालीन अनुमति देने का सुझाव दिया है. अगर टीके को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से स्वीकृति मिल जाती है तो यह जायडस कैडिला के ‘जायकोव-डी' के बाद दूसरा टीका होगा जिसे 18 वर्ष की आयु से कम के लोगों के लिए आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी जाएगी.
सुब्रमण्यम ने कहा कि केंद्र द्वारा मंजूरी मिलने के बाद तमिलनाडु पहला राज्य था जहां गर्भवती महिलाओं को टीका दिया गया. उन्होंने कहा कि अब तक ऐसी पांच लाख महिलाओं को टीका दिया जा चुका है. सुब्रमण्यम, कई कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए यहां आए हैं.उन्होंने कहा कि कोयंबटूर की 93 प्रतिशत जनसंख्या को टीके की पहली खुराक तथा 37 प्रतिशत लोगों को दूसरी खुराक लग चुकी है और ऐसा करने वाला वह राज्य का पहला जिला है. मंत्री ने कहा कि घर-घर पहुंचने की सेवा के जरिये सौ प्रतिशत घरों तक पहुंचने के लिए शहर के पांच जोन में पांच मोबाइल वैन शुरू की गई हैं. उन्होंने कहा कि पांच बड़े टीकाकरण शिविर के जरिये 5.51 लाख से ज्यादा लोगों को टीका दिया जा चुका है.नीट प्रवेश परीक्षा के बारे में पूछे जाने सुब्रमण्यम ने कहा कि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस परीक्षा को समाप्त करने के लिए 12 अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है.
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