तमिलनाडु के राज्यपाल ने कहा कभी नहीं दूंगा नीट विरोधी विधेयक को मंजूरी, छिड़ी बहस

एक अभिभावक ने राज्यपाल से ‘नीट को प्रतिबंधित करने के लिए मंजूरी’ देने का आग्रह किया था. उनका मतलब केंद्रीय परीक्षा से राज्य को छूट देने का प्रावधान करने वाले तमिलनाडु विधानसभा के एक विधेयक को मंजूरी देने से था.

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विधानसभा ने पिछले साल तमिलनाडु को नीट से छूट देने का प्रा‍वधान करने वाला विधेयक पारित किया था...
चेन्नई:

तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने शनिवार को साफ कहा कि वह तमिलनाडु सरकार के नीट विरोधी विधेयक को कभी भी मंजूरी नहीं देंगे. इस विधेयक को अभी राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है. राज्यपाल के इस बयान पर सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्ति की है.

राज्यपाल आर.एन. रवि ने कहा कि राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (नीट) के बिना उपलब्धियां भविष्य के लिए पर्याप्त नहीं हैं और यह परीक्षा जारी रहेगी. उन्होंने कहा, "देखिए, मैं (विधेयक को) मंजूरी देने वाला अंतिम व्यक्ति होऊंगा। इसे कभी भी मंजूरी नहीं दूंगा. मैं नहीं चाहता कि मेरे बच्चे बौद्धिक रूप से अक्षम महसूस करें. मैं चाहता हूं कि हमारे बच्चे प्रतिस्पर्धा करें और सर्वश्रेष्ठ बनें. उन्होंने यह साबित कर दिया है."

राज्यपाल ने यहां राजभवन में नीट स्नातक 2023 में शीर्ष अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों के साथ बातचीत के दौरान यह बयान दिया है। दरअसल, एक अभिभावक ने राज्यपाल से ‘नीट को प्रतिबंधित करने के लिए मंजूरी' देने का आग्रह किया था. उनका मतलब केंद्रीय परीक्षा से राज्य को छूट देने का प्रावधान करने वाले तमिलनाडु विधानसभा के एक विधेयक को मंजूरी देने से था.

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राज्यपाल रवि ने कहा, "मैं आपको बहुत स्पष्ट रूप से बता रहा हूं, मैं नीट (विधेयक) को कभी भी मंजूरी नहीं दूंगा. वैसे भी यह राष्ट्रपति के पास गया है, क्योंकि यह समवर्ती सूची का विषय है और यह ऐसा विषय है जिसे मंजूरी देने के लिए केवल राष्ट्रपति ही सक्षम हैं." उन्होंने कहा कि एक मिथक फैलाया जा रहा है कि केवल कोचिंग केंद्रों की सेवाओं का उपयोग करने वाले ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कर सकते हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सीबीएसई पाठ्यक्रम 'मानक' है.

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राज्य विधानसभा ने पिछले साल एक बार फिर तमिलनाडु को नीट से छूट देने का प्रा‍वधान करने वाला विधेयक पारित किया था. इससे पहले विधेयक को राज्यपाल रवि ने लौटा दिया था. द्रमुक के छात्र शाखा के नेता और पार्टी के प्रवक्ता आर. राजीव गांधी ने रवि के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके 'अहंकारी' रवैये की आलोचना की. उन्होंने पहले ट्विटर के नाम से जाने जाने वाले सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ''अगले 10 महीनों में खबरें आएंगी कि पूर्व राज्यपाल आर.एन. रवि ने (किसी मुद्दे पर) राय दी थी." उन्होंने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद राज्यपाल बदल दिया जाएगा. उन्‍होंने कहा, "तब तक अपना अहंकार जारी रखें."

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द्रमुक की सहयोगी पार्टी भाजपा ने भी नीट मुद्दे पर रवि पर निशाना साधा. पार्टी ने कहा कि रवि का 'अहंकारी' बयान लोकतांत्रिक मानदंडों के अनुरूप नहीं है, यह 'अभिभावकों को डराने' वाला है. पार्टी ने एक बयान में कहा कि राज्यपाल की ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए लोकतांत्रिक ताकतों को हाथ मिलाने और संघर्ष को आगे बढ़ाने की सख्त जरूरत है. भाकपा ने कहा कि विधानसभा, कैबिनेट और मुख्यमंत्री की सलाह पर चलने के बजाय, वह 'तानाशाही' व्यवहार कर रहे है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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