तमिलनाडु सरकार राज्य में केंद्रीय एजेंसियों और रक्षा बलों के बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा के लिए मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल आर एन रवि की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल नहीं हुई. राजभवन की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार का कोई भी अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुआ, जबकि ‘‘तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव से बैठक में एक प्रतिनिधि भेजने का अनुरोध किया गया था.''
कुछ एजेंसियों ने कर्मियों की तैनाती में समन्वय की कमी और प्रभावित जिलों में समग्र स्थिति के बारे में ‘‘समझ की कमी'' को लेकर चिंता जताई. यह बैठक मौजूदा स्थिति और जारी बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा करने, बेहतर समन्वय स्थापित करने और तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत प्रयासों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए आयोजित की गई थी.
अधिकारियों ने विशेष रूप से तूत्तुक्कुडी और तिरुनेलवेली में ‘‘गंभीर स्थिति'' के बारे में बताया. केंद्र सरकार की एजेंसियों ने कहा कि उन्होंने अपने संसाधन राज्य सरकार को सौंप दिए हैं तथा वे राज्य एवं जिला अधिकारियों के निर्देशानुसार और जहां संभव हो सके, वहां स्वयं बचाव और राहत कार्य कर रहे हैं.
नौसेना ने कहा कि आईएनएस कट्टाबोम्मन (तिरुनेलवेली) और आईएनएस पारुंडु (रामनाथपुरम) के कर्मी लोगों तक पहुंच रहे हैं. वायु सेना सुलूर (कोयंबटूर) एयर बेस और तिरुवनंतपुरम से विमानों का उपयोग करके बचाव एवं राहत के लिए उड़ान अभियान चला रही है.
तटरक्षक बल अपनी बचाव टीम, एएलएच (उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर), डोर्नियर विमान और छोटी नौकाओं की मदद से तूत्तुक्कुडी में बचाव अभियान चला रहा है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने चेन्नई के पास अराक्कोनम स्थित अपनी चौथी बटालियन से प्रभावित क्षेत्रों में 10 टीम तैनात की हैं.
बैठक में सशस्त्र बलों, तटरक्षक बल, एनडीआरएफ, दक्षिणी रेलवे, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, बीएसएनएल, भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
द्रमुक सरकार और राज्यपाल रवि के बीच नीतिगत मामलों समेत कई मुद्दों को लेकर विवाद है.
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