बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राज्य में शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुलूस निकालने और नारेबाजी करने की सोमवार को अपील करते हुए कहा कि यदि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को बिहार में यह पाबंदी असुविधाजनक लगती है ‘तो मत आइए'. उन्होंने सासाराम जिले में महिलाओं के ‘‘जीविका'' स्वयं सहायता समूह की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अगर आपको पाबंदी असुविधाजनक लगती है तो बिहार मत आइए.'' उन्होंने कहा कि राज्य में बाहर से आने वालों के लिए पाबंदी में छूट देने का सवाल ही नहीं उठता है.
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि शराबबंदी के लिए 2016 में उनके कदम उठाने के बाद उनके फैसले की व्यापक सराहना की गई और उत्तर प्रदेश तथा झारखंड में पैरोकार समूहों ने उन्हें अपना अनुभव साझा करने के लिए आने का न्योता दिया था. नीतीश ने कहा कि लेकिन हमारे सर्वश्रेष्ठ इरादों के बावजूद हमेशा ही गड़बड़ी करने वाले कुछ लोग रहे हैं. मैं यहां उपस्थितत आप सब से अनुरोध करता हूं कि यदि आप अपने गांव में शराबबंदी का उल्लंघन करते किसी को पाते हैं तो न सिर्फ पुलिस को इसकी सूचना दीजिए बल्कि जुलूस निकालें और नारेबाजी भी करें.
उन्होंने कहा कि पुलिस को इस तरह की सूचना देने वालों की सुरक्षा करने को कहा गया है. मुख्यमंत्री ने बाल विवाह से लड़कियों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का भी जिक्र किया तथा लोगों से दहेज को हतोत्साहित करने के उनके उदाहरण का अनुकरण करने की अपील की.
उन्होंने कहा, ‘सिद्धांत के तौर पर मैंने विवाह समारोह में शामिल होने के वैसे आमंत्रण स्वीकार करना बंद कर दिया है जिसमें यह घोषित नहीं गया हो कि विवाह दहेज के बिना हो रहा है. आपको भी अपने सामाजिक परिवेश में यही चीज करनी चाहिए. आपको फिर बदलाव नजर आएगा.'