"मेंटल हेल्थ का रखें ख्याल" : NEET-UG की दो टॉपर्स ने NDTV के साथ शेयर किया सक्सेस मंत्रा

प्रांजल ने सलेक्‍शन नहीं होने वाले छात्रों को लगातार मेहनत करने की सलाह दी है. वहीं आशिका ने कहा कि उन्‍हें खुद पर भरोसा रखना चाहिए और निराश नहीं होना चाहिए.

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नई दिल्‍ली:

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने मंगलवार को इस साल की नीट-यूजी परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए, करीब 20.38 लाख में से कुल 11.45 लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है. इस परीक्षा में पंजाब के संगरूर जिले के मलारकोटला से प्रांजल अग्रवाल ने चौथी रैंक हासिल की है, वहीं जालंधर की आशिका अग्रवाल को 11वीं रैंक मिली है. नीट में टॉप करने वाली छात्राओं ने एनडीटीवी के साथ ख़ास बातचीत में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को अपने मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान रखने और अच्‍छे दोस्‍त बनाने की सलाह दी है. 

प्रांजल ने कहा कि मैंने 11वीं में ही तैयारी शुरू कर दी थी. 11वीं और 12वीं में मैंने कोचिंग ली. मैंने पूरा स्टडी मैटेरियल और एनसीईआरटी किताबों से पढ़ाई की है. मैंने इंटरनेट से पढ़ाई नहीं की है. मैं ज्यादातर टाइम पढ़ाई ही किया करती थी. वहीं आशिका ने कहा कि मैंने 11वीं में तैयारी शुरू की. मैंने भी एनसीईआरटी और कोचिंग के स्टडी मैटेरियल से ही पढ़ाई की. मैंने और कोई सोर्स नहीं ढूंढा. 

प्रांजल ने कहा कि मैं एक मिडल क्लास परिवार से आती हूं. परिवार में मैं, मेरे माता-पिता और भाई हैं.  पापा बिजनसमैन हैं और कपड़ों का काम करते हैं. मेरा शुरू से ही सपना था कि मुझे कॉम्पिटिटिव एग्‍जाम देना है.  मेरे परिवार ने मुझे ओपन च्‍वाइस दी थी कि मैं जो करना चाहती हूं, वो कर सकती हूं. मैंने मेडिकल को चुना. इसके बाद मेरे माता-पिता और टीचर्स ने मेरी बहुत मदद की. वहीं आशिका ने बताया कि मेरे पापा सीए और मां एसोसिएट प्रोफेसर हैं. मेरा भाई सीए कर रहा है. मैं कोई स्‍टडी रूटीन फॉलो नहीं करती थी, लेकिन मेरी कोशिश होती थी कि रोज का काम उसी दिन खत्‍म करूं और कल पर कुछ न टालूं. 

मोबाइल और सोशल मीडिया के इस्‍तेमाल पर प्रांजल ने कहा कि मोबाइल मुझसे बहुत दूर था. मेरे पास सिर्फ पुराना की-पैड वाला फोन था और उससे मुझे सिर्फ मम्‍मी-पापा से बात करनी होती थी. सोशल मीडिया में मेरा कोई अकाउंट नहीं है. वहीं आशिका का कहना है कि मेरे पास स्मार्टफोन था, लेकिन मैं भी सोशल मीडिया एप पर नहीं थी. टीचर्स और दोस्‍तों से कॉन्‍टेक्‍ट में रहने के लिए मैं सिर्फ व्हाट्सएप पर थी. नीट के बाद भी सोशल मीडिया कम ही यूज किया. 

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पढ़ाई को लेकर होने वाले तनाव को लेकर प्रांजल ने कहा कि मेरे पेरेंट्स ने कभी प्रेशर नहीं डाला. उन्होंने कहा कि मेहनत करते रहो, मेहनत में कमी न हो. स्ट्रेस होता था तो दोस्तों ने मदद की. हम कभी डिमोटिवेटेड नहीं होते थे. इस पर आशिका ने कहा कि मैं दिन में 30-40 मिनट हमेशा खुद के लिए निकालती थी, बास्केटबॉल खेलती थीं. बहुत ज्यादा स्ट्रेस होता था तो परिवार और टीचर्स से बात करती थीं. 

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प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की आत्‍महत्‍या के सवाल पर प्रांजल ने कहा कि हमें बस अपना 100 प्रतिशत देना है. अपनी जिंदगी से हारना सबसे बुरा है. अपने मां-बाप के लिए आप जरूरी हैं. उन्‍होंने कहा कि आप उनसे बात करो, टीचर से बात करो. आपके पेरेंट्स, आपके टीचर्स आपके बेस्‍ट सपोर्टर्स हैं. उनसे बेहतर दुनिया में कोई नहीं है. हम जितना बात करेंगे, उतना मन हल्का होगा. वहीं आशिका ने कहा कि मेंटल हेल्थ हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. अगर हम खुद ही परेशान हैं तो कुछ नहीं पा सकेंगे. आपको यदि कोई चीज परेशान कर रही है तो अपने मेंटल हेल्थ पर काम करें. 

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प्रांजल से पूछा गया कि आप जहां कोचिंग के लिए जाते हैं, वहां के टीचर्स को भी बच्‍चों में आने वाले तनाव को खयाल रखना चाहिए. इसके जवाब में प्रांजल ने कहा कि हां, ये होना चाहिए हमारे टीचर्स बहुत सपोर्टिव थे. उन्होंने कभी भी हमें स्ट्रेस नहीं लेने दिया. उनकी कोशिश रहती थी कि हम पढ़ें भी और इंजॉय भी करें. 

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इसके साथ ही जब आशिका से पूछा गया कि परिवार से दूर रहकर पढ़ाई करने वालों को ज्‍यादा तनाव होता है तो आशिका ने कहा कि मैंने अपने परिवार के साथ रहकर तैयारी की थी. शायद जो लोग परिवार से बाहर रहते हैं, उनको स्‍ट्रेस ज्‍यादा होता होगा क्योंकि आसपास जब पेरेंट्स नहीं होते हैं तो हो सकता है कि वो कुछ बातें फोन पर नहीं कह पाते हैं. ऐसे में आपके फ्रेंड्स बहुत काम आते हैं तो ऐसे दोस्त बनाएं जो आपको सपोर्ट करें. 

जिन बच्चों का नीट में सलेक्‍शन नहीं हुआ है, उन्‍हें प्रांजल ने लगातार मेहनत करने और अपने आप पर विश्वास रखने की सलाह दी है. प्रांजल ने कहा कि अपने लक्ष्‍य पर ध्यान रखें. ऐसे में मन शांत होना जरूरी है. आपको अपनी मेहनत पर विश्‍वास रखना जरूरी है. वहीं आशिका ने कहा कि खुद पर भरोसा जरूरी है. निराश नहीं होना है और मेहनत करनी है. सफलता मिल जाएगी. 

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