केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah)ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ने देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 2025 से सालाना 30,000 युवाओं को फोरेंसिक विशेषज्ञ बनाना सुनिश्चित करने के लिए एक प्रणाली स्थापित की है. अहमदाबाद जिले के जेतलपुर में नरनारायण शास्त्री प्रौद्योगिकी संस्थान (एनएसआईटी) के परिसर का उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि नया आपराधिक कानून - भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता - सात साल या उससे अधिक की सजा वाले सभी अपराधों में एक ‘फोरेंसिक विशेषज्ञ' द्वारा अपराध स्थल पर साक्ष्य एकत्र करना अनिवार्य बनाता है.
उन्होंने कहा कि नए कानूनों - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता - के मद्देनजर पहले से तैयारी करने को ध्यान में रखते हुए सरकार ने देश की सेवा के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों की आवश्यकता को पूरा करने के वास्ते 2020 में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) की स्थापना की.
स्वामीनारायण विविध सेवा निकेतन ट्रस्ट द्वारा प्रबंधित एनएसआईटी, एनएफएसयू से संबद्ध है.
हजारों विशेषज्ञों की आवश्यकता होगी : शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘जब हर अपराध स्थल पर फोरेंसिक विज्ञान अधिकारियों का दौरा अनिवार्य हो जाएगा तो हजारों विशेषज्ञों की आवश्यकता होगी. हम 2024 में कानून लाए, लेकिन 2020 में इसकी तैयारी शुरू की. हमने एनएफएसयू की स्थापना की ताकि 2025 से हर साल 30,000 युवा देश की सेवा के लिए फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञ के रूप में तैयार हों.''
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