वेश्यावृति और बलात्कार एक समान, समाज पर दाग : स्वाति मालीवाल

वेश्यावृति और बलात्कार एक समान, समाज पर दाग : स्वाति मालीवाल

स्वाती मालीवाल की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने वेश्यावृति के प्रति समाज के दृष्टिकोण की निंदा करते हुए कहा कि इसी नज़रिए की वजह से यौनकर्मियों के साथ बलात्कार का समर्थन होता है।

वेश्यावृति को बलात्कार के समान बताते हुए मालीवाल ने कहा कि यह समाज पर एक दाग है और सरकार की दृढ़ता से इसे दूर किए जाने की ज़रुरत है।

मालीवाल ने कहा,  'हर महीने जी बी रोड के रेडलाइट एरिया में छह लाख कंडोम बांटे जाते हैं, इसका मतलब ये हुआ कि हम हर महीने छह लाख बलात्कार की इजाजत दे रहे हैं।'

उन्होंने यहां पैरवी नामक एक एनजीओ द्वारा भारत नेपाल सीमा पर मानव तस्करी, भूकंप के बाद की स्थितियों विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कहा,  'आंकड़े ज्यादा ही हो सकते हैं क्योंकि नाबालिग लड़कियों के मामले सामने आते ही नहीं।'

वे आगे कहती हैं,  'हैरत की बात है कि मैंने पाया कि लोग इसे एक तरह से स्वीकार कर रहे हैं। जी बी रोड का दौरा करने के बाद मैंने इसके बारे में ढेर सारे लोगों से बात की और उन्होंने कहा कि यदि आप रेडलाइट एरिया बंद करवा देती हैं तो बलात्कार बढ़ जायेंगे। मैं ऐसी मानसिकता की निंदा करती हूं।'

सुधारगृहों की खराब हालत
मालीवाल ने कहा कि आयोग के अध्यक्ष का पद संभालने के बाद उन्होंने जीबी रोड इलाके के निवासियों की समस्या अगले तीन साल में हल करने का संकल्प लिया। शीघ्र ही शुरू होने वाली आयोग की मानव तस्कर निरोधक समिति, तस्करी से जुड़े मुद्दों पर केंद्र, राज्य और एनजीओ के साथ मिलकर काम करेगी।

सुधारगृह के हालातों के बारे में बात करते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा,  'मैंने सुना है कि इन सुधार घरों की स्थिति इतनी खराब है कि कई बार रेड लाइट एरिया से बचा कर लायी गईं लड़कियां वापिस जीबी रोड जाना चाहती हैं। इन सुधारगृह के अधिकारियों का भी 25-25 सालों तक तबादला नहीं होता जो किसी न किसी तरह के संबंध की ओर इशारा करता है। हम इन विषयों पर काम करेंगे और तब तक कोशिश करते रहेंगे जब तक कि उन्हें स्वीकार नहीं कर लिया जाता।'

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घरों में नौकरानी के तौर पर काम करने वाली लड़कियों के शोषण संबंधी शिकायतों पर उन्होंने कहा कि दिल्ली महिला आयोग सभी प्लेसमेंट एजेंसियों की जांच करेगी ताकि ये पता चल सके कि वो रजिस्टर्ड है या नहीं और उनके द्वारा काम पर लगायी गई लड़कियों की पूरी जानकारी मिले।'