बंगाल से चुनाव लड़े स्वप्न दासगुप्ता की राज्यसभा में वापसी, महेश जेठमलानी भी मनोनीत

स्वप्न दासगुप्ता (Swapan Dasgupta) ने बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) में तारकेश्वर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. चुनाव लड़ने के पहले भी वह राज्यसभा के मनोनीत सांसद थे,

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Swapan Dasgupta का दूसरी बार Rajya Sabha में मनोनयन हुआ
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने पूर्व पत्रकार स्वप्न दासगुप्ता को राज्यसभा (Swapan Dasgupta Renominated To Rajya Sabha) में दोबारा मनोनीत किया है. स्वप्न दासगुप्ता ने बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) में तारकेश्वर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. चुनाव लड़ने के पहले भी स्वप्न दासगुप्ता​ राज्यसभा के मनोनीत सांसद थे, लेकिन मनोनीत सांसद रहने के दौरान किसी पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़ने पर उनको अय़ोग्य ठहराए जाने का खतरा था, लिहाजा उन्हें राज्यसभा सदस्यता छोड़ दी थी.

हालांकि कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ( former Union minister Jairam Ramesh ) ने दासगुप्ता के दोबारा मनोनयन पर सवाल उठाए हैं. रमेश ने कहा कि 1952 में राज्यसभा के गठन के बाद से यह पहली बार हुआ है कि किसी सदस्य को उसके द्वारा रिक्त हुई सीट पर ही दोबारा मनोनीत किया गया है. वहीं प्रख्यात वकील महेश जेठमलानी (Mahesh Jethmalani) को भी केंद्र सरकार ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. वो पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी के पुत्र हैं. गृह मंत्रालय ने उन्हें मनोनीत किए जाने की अधिसूचना जारी की है. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति स्वप्न दासपगुप्ता को उनके इस्तीफे से खाली हुई सीट को भरने के लिए राज्यसभा के लिए पुन: मनोनीत करते हुए प्रसन्न हैं .

उनका यह मनोनयन 24 अप्रैल, 2022 को राज्यसभा में पूरा होने वाले उनके कार्यकाल की बाकी अवधि के लिए है. गृह मंत्रालय ने कहा कि जेठमलानी को राज्यसभा में उस सीट के लिए मनोनीत किया गया है. जो रघुनाथ महापात्र के निधन से खाली हुई है. उनका कार्यकाल महापात्र के 13 जुलाई 2024 को पूरे होने वाले कार्यकाल की शेष अवधि के लिए है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति केंद्र सरकार की सलाह पर राज्यसभा के लिए 12 सदस्यों को मनोनीत करते हैं. उच्च सदन में मनोनीत हस्तियां साहित्य, विज्ञान, खेलकूद, कला एवं समाज सेवा जैसे क्षेत्रों से जुड़ी होती हैं.

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दासगुप्ता ने जब बंगाल विधानसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, तब तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा (Trinamool MP Mahua Moitra) ने उनके मनोनीत सांसद रहते हुए चुनाव लड़ने पर सवाल उठाया था और उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की थी. हालांकि दासगुप्ता ने नामांकन के पहले ही पद से त्यागपत्र दे दिया था. हालांकि ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव में 2016 से भी बड़ी जीत हासिल कर बीजेपी को करारी मात दी.

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