- स्वदेशी जागरण मंच ने सह-संयोजक डॉक्टर अश्चिनी महाजन ने कहा है कि यही मौका है जब भारत आत्मनिर्भर बन सकता है.
- अमेरिका ने भारत पर लगाए गए टैरिफ और नॉन-टैरिफ बैरियर के कारण भारत को आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता बढ़ गई है.
- डॉक्टर अश्चिनी महाजन ने कहा भारत के सामने स्वदेशी के अलावा आत्मनिर्भर बनने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है.
अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए टैरिफ से पैदा हुए तनावपूर्ण घटनाक्रम के बीच, आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने एक बड़ी बात कही है. मंच की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर एक अभियान चलाया जा रहा है. इसमें नागरिकों से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की अपील की जा रही है. वहीं संगठन के सह-संयोजक डॉक्टर अश्चिनी महाजन ने कहा है कि यही मौका है जब भारत आत्मनिर्भर बन सकता है.
अब ज्यादा आत्मनिर्भर होना होगा
एनडीटीवी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत पर टैरिफ बढ़ाया है और कई नॉन टैरिफ बैरियर भी लगाए जा रहे हैं. डॉक्टर महाजन ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच की राय है कि भारत के सामने स्वदेशी के अलावा आत्मनिर्भर बनने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है. उनका माननना है कि 'स्वदेशी' ही 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान भी हमें सबक मिला था और अब डोनाल्ड ट्रंप ने भी सबक दिया है कि हमें ज्यादा आत्मनिर्भर बनना होगा.
भारत में बनीं ई-कारें दुनिया तक
मंगलवार को जापान की कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने गुजरात में ई-व्हीकल का प्लॉन्ट लॉन्च किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सुजुकी इंडिया के पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल विटारा का 100 देशों में निर्यात शुरू किया. इसके साथ ही प्लांट में मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिथियम-आयन बैटरी सेल के प्रोडक्शन का भी उद्घाटन किया. डॉक्टर महाजन ने इसका जिक्र किया और कहा कि इस दिशा में स्वदेशी और मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट बेहद महत्वपूर्ण है. आज भारत में बनी हुई कारें पूरी दुनिया में बिक रही है. उन्होंने बताया कि कैसे मंगलवार को ही भारत में एक कंपनी की इलेक्ट्रिक कार को लांच किया गया है.
भारत तेजी से आगे बढ़ रहा
उन्होंने कहा किआज जो विदेशी कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल बना रही है, उनकी तुलना में भारत में बने ई-व्हीकल एक तिहाई सस्ते हैं और बेहतर हैं. कहा जाता है कि अगर आई-फोन भारत में ना बने और अमेरिका में बनाना पड़े तो वह तीन गुना ज्यादा महंगा होगा. डॉक्टर अश्विनी महाजन ने कहा कि अमेरिका चाहे जितने भी टैरिफ या गैर-टैरिफ बैरियर्स लगाए भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज पीएम मोदी और सरकार की तरफ से आज स्वदेशी को बढ़ावा देने की बात कही जा रही है और हम यह बात कई वर्षों से कह रहे थे. हम अपने दुकानदारों से कह रहे थे कि आप लिखिए... अब पीएम ने भी कहा है कि आप अपने दुकान के बाहर लिखिए कि यहां स्वदेशी सामान मिलता है.
डॉलर बन गया है हथियार
डॉक्टर महाजन का कहना था कि यह जो स्वदेशी और आत्मनिर्भरता है वह एकमात्र देश के विकास का मार्ग है...यह हम समझते हैं. उन्होंने कहा कि पहले हमें ग्लोबलाइजेशन का जो पाठ पढ़ाया गया, कहा गया कि वह डब्लूटीओ के नियमों के तहत ही विश्व के व्यापार चलेंगे. लेकिन जिस तरह से अमेरिका और बाकी कुछ और देशों ने लगातार अपने-अपने उद्योगों को संरक्षण देने के नाम पर तमाम प्रकार के गैर कानूनी टैरिफ लगा रहे हैं, ऐसे में डॉलर को हथियार की तरह यूज किया जाने लगा है. पेमेंट सिस्टम से लेकर ग्लोबल सप्लाई चैन का भी हथियारीकरण किया जा रहा है. ऐसे में जरूरत है इस बात की है कि हम अपने देश में कृषि सेक्टर, उद्योग जगत को आत्मनिर्भरता की तरफ आगे ले जाएं. डॉक्टर महाजन के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी हमने देखा कि कैसे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता ने देश को सफलता दिलाई.