महाराष्ट्र में सीएम पद पर क्यों सस्पेंस कायम
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Eections) में महायुति को शानदार जीत मिली. हालांकि परिणाम सामने आने के एक सप्ताह बाद भी अब तक राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा यह तय नहीं हो पाया है. इस बीच शपथ समारोह की तैयारियां पूरी जोरों पर है, लेकिन इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिला कि राज्य का अगला सीएम कौन होगा?
- शपथ की तैयारी पूरी पर सीएम कौन? मुंबई के आजाद मैदान में महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर चल रही है. सीएम के शपथ समारोह के लिए स्टेज सजाया जा रहा है और गैलरी बनाई जा रही है. लेकिन शपथ कौन लेगा, इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिला है. विधानसभा चुनावों में भारी जीत हासिल करने वाली महायुति के तीनों दलों के नेताओं ने सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात नहीं की है.
- शिंदे, फडणवीस और पवार अलग-अलग जगहों पर : बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना के एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अजित पवार आज अलग-अलग शहरों में हैं. फडणवीस मुंबई में हैं, जबकि शिंदे की तबीयत ठीक नहीं हैं और वो ठाणे में इलाज करा रहे हैं. जबकि अजित पवार दिल्ली में हैं, जिसे उन्होंने निजी यात्रा बताया है. बीजेपी विधायक दल की बैठक आज सुबह विधान भवन में होगी, जिसमें पार्टी विधायकों द्वारा अपना नेता चुनने की उम्मीद है.
- महायुति के नेताओं ने लिया तैयारियों का जायजा: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद और विभागों के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान के बीच, माहौल ठंडा होता दिख रहा है. शिवसेना नेता मंगलवार को शपथ ग्रहण समारोह स्थल का निरीक्षण करने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए. मंगलवार की सुबह, बावनकुले ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेताओं गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाट और अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के धनंजय मुंडे और हसन मुश्रीफ के साथ आजाद मैदान का दौरा किया और रसद, सीट क्षमता, भीड़ प्रबंधन सहित अन्य योजनाओं पर चर्चा की.
- सीएम की रेस में कौन सबसे आगे : हालांकि फडणवीस को मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे माना जा रहा है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी द्वारा शीर्ष पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा में देरी ने अटकलों को हवा दे दी है. भाजपा विधायकों की बैठक के बाद महायुति के तीनों नेताओं की मुलाकात होने की संभावना है. शपथ ग्रहण समारोह की पूर्व संध्या पर कल राज्यपाल से मुलाकात की उम्मीद है.
- शिंदे ने पीएम मोदी और शाह पर छोड़ा फैसला : एकनाथ शिंदे ने कहा है कि वे सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर छोड़ दिया है, लेकिन बड़े दिन से पहले मुंबई से उनकी बार-बार अनुपस्थिति ने चर्चा को जन्म दे दिया है. कुछ दिन पहले, शिवसेना प्रमुख अपने गृहनगर सतारा में थे, तब उन्होंने कहा था कि थकाऊभरे चुनाव अभियान के बाद उन्हें आराम की जरूरत है. अब वे ठाणे में हैं और कथित तौर पर अस्वस्थ हैं. वे वर्चुअली बैठकों में भाग ले रहे हैं.
- सीएम के नाम पर सस्पेंस क्यों? सस्पेंस के बीच, शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा है कि विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़े गए थे और उनका कद बनाए रखना भाजपा पर निर्भर है. केसरकर ने कहा, "हमारे नेता ने पहले ही साबित कर दिया है कि कौन सही मायने में शिवसेना का प्रतिनिधित्व करता है. अब यह दिल्ली (भाजपा केंद्रीय नेतृत्व) पर निर्भर है कि वह उनका कद कैसे बनाए रखे, हम उस निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेंगे."
- क्या सीएम के नाम पर महायुति में मतभेद: उन्होंने यह भी कहा कि देरी के लिए शिंदे जिम्मेदार नहीं हैं. "भाजपा की आंतरिक चयन प्रक्रिया उनका मामला है. शिंदे पहले ही बता चुके हैं कि वे उनके निर्णय को स्वीकार करेंगे." केसरकर ने महायुति के भीतर किसी भी तरह के मतभेद की खबरों को खारिज कर दिया."
- महायुति गठबंधन पूरी तरह से एकजुट: पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, "तीनों दलों के साथ मिलकर काम करने के लिए चर्चा की आवश्यकता होती है, यह सामान्य बात है. इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी नाराज है. शिंदे नाखुश नहीं हैं और गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है."
- शिवसेना की क्या मांग : इस बीच पता चला है कि शिवसेना गृह विभाग के लिए जोर दे रही है, लेकिन भाजपा ने मांग स्वीकार नहीं की है. चुनाव नतीजों के 10 दिन बाद भी महायुति द्वारा अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करने पर शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि देरी महाराष्ट्र का अपमान करने के बराबर है.
- उद्धव गुट ने कसा महायुति पर तंज : मराठी ट्वीट में ठाकरे ने कहा, "संख्या बल के बावजूद वे अभी तक महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना पाए हैं; क्योंकि हमारा महाराष्ट्र राज्य उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है, महाराष्ट्र को अनदेखा करें, लगातार महाराष्ट्र का अपमान करें और सरकार गठन को लंबित रखें... उनके पास अन्य सभी काम करने का समय है, लेकिन दिल्ली के लिए हमारा महाराष्ट्र, हमारा राज्य महत्वपूर्ण नहीं है."
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