मुंबई पुलिस ने अगर मामले को अच्‍छी तरह संभाला होता... सुशांत सिंह मामले पर बोले बिहार के पूर्व DGP

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस ने मामले की जांच के लिए भेजी गई बिहार पुलिस की टीम के साथ "सहयोग नहीं किया".

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सुशांत सिंह राजपूत 14 जून 2020 को मुंबई स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए थे. (फाइल)
पटना:

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले (Sushant Singh Rajput Case) में सीबीआई द्वारा कथित तौर पर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के बाद बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे (Gupteshwar Pandey) ने मामले को संभालने के मुंबई पुलिस के तरीके की आलोचना की है और कहा है कि उनकी कार्रवाई से लोगों में 'संदेह' पैदा हुआ. हालांकि उन्होंने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से परहेज किया और कहा कि यह एक "पेशेवर एजेंसी" है. 

अभिनेता की मौत को लेकर शुरुआती जांच पर बोलते हुए पांडे ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस ने मामले की जांच के लिए भेजी गई बिहार पुलिस की टीम के साथ "सहयोग नहीं किया". उन्होंने दावा किया कि बेहतर समन्वय के लिए उन्होंने जिस आईपीएस अधिकारी को भेजा था, उसे क्वारंटीन कर दिया गया और बिहार पुलिस की टीम को सिर्फ पांच दिन बाद ही वापस भेज दिया गया. 

महाराष्‍ट्र पुलिस ने सहयोग नहीं किया: पांडे

तत्कालीन बिहार डीजीपी ने यह भी साफ किया कि उन्होंने यह "कभी दावा नहीं किया" कि अभिनेता की हत्या की गई थी, बल्कि उन्‍होंने सिर्फ इतना कहा था कि उनकी मौत "संदिग्ध" थी और वे गहन जांच चाहते थे. 

एएनआई से बातचीत में पांडे ने कहा, "जब सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर आई तो मामला 20 दिनों के भीतर शांत हो गया. 20 दिनों के बाद उनके पिता ने पटना में मामला दर्ज कराया, जिसकी जांच के लिए एक टीम भेजी गई. हालांकि महाराष्ट्र पुलिस ने सहयोग नहीं किया. मैंने बेहतर समन्वय के लिए एक आईपीएस अधिकारी को भेजा था, लेकिन उसे क्वारंटीन कर दिया गया... मुझे किसी के खिलाफ पक्षपात करने की जरूरत नहीं है, लेकिन उस दौरान मुंबई पुलिस ने जिस तरह का आचरण दिखाया, उससे देश में लोगों के मन में संदेह पैदा हुआ."

उन्होंने कहा, "सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में लिया और सालों बाद... मैं कुछ नहीं कहना चाहता. सीबीआई ने इस मामले की जांच की, मुझे जांच करने का मौका नहीं मिला. मेरी टीम को 5 दिन बाद वापस भेज दिया गया और दूसरे अधिकारी को 10 दिन के लिए क्वारंटीन कर दिया गया. इसलिए बिहार पुलिस की टीम को जांच करने का मौका ही नहीं मिला."

शायद कुछ सबूत नष्ट हो गए हों: पांडे

पांडे ने चिंता जताते हुए कहा कि सीबीआई ने सभी सबूतों को उजागर नहीं किया होगा या कुछ सबूत 'नष्ट' हो गए होंगे.  

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उन्‍होंने कहा, "अभी भी यह संदेह हो सकता है कि सीबीआई को सभी सबूत मिले नहीं या शायद कुछ सबूत नष्ट हो गए हों. लेकिन मैंने कभी नहीं कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या हुई थी... मैंने बस इतना कहा कि यह एक संदिग्ध मौत थी और इसकी ठीक से जांच की जा सकती थी. अगर मुंबई पुलिस ने मामले को अच्छी तरह से संभाला होता और प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सभी सवालों के जवाब दिए होते तो मुंबई पुलिस की बदनामी नहीं होती... मैं सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि यह एक पेशेवर एजेंसी है. अगर उसे सबूत नहीं मिल सकते तो वह और क्या कर सकती है?" 

सीबीआई ने पेश की क्‍लोजर रिपोर्ट!

सीबीआई ने 2020 में बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में पर क्लोजर रिपोर्ट पेश की है, सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. 

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सूत्रों के मुताबिक, सुशांत सिंह की मौत के करीब पांच साल बाद मुंबई की एक अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई है. 34 साल के सुशांत 14 जून 2020 को अपने बांद्रा स्थित आवास पर मृत पाए गए थे. उनकी मौत से काफी विवाद खड़ा हो गया था, बाद में जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. मुंबई के कूपर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया गया था और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण दम घुटना बताया गया था. 

अभिनेता की मौत के बाद कई लोगों ने 'न्याय' की मांग की थी. इस मामले की जांच शुरू में मुंबई पुलिस ने की थी, उसके बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था. 

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