'जाको राखा साइयां...' 10वीं मंजिल से गिरा बुजुर्ग, ग्रिल में फंसा, फिर यूं बच गई जान

सूरत के जहांगीराबाद डी मार्ट के पास टाइम गैलेक्सी ए बिल्डिंग में बड़ा हादसा टल गया. 10वीं मंजिल से गिरा 57 वर्षीय बुजुर्ग 8वीं मंजिल की जाली में फंस गया. फायर डिपार्टमेंट ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और एक घंटे की मशक्कत के बाद बुजुर्ग को सुरक्षित बाहर निकाला.

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  • सूरत के रांदेर इलाके में 57 वर्षीय बुजुर्ग 10वीं मंजिल की खिड़की से नीचे गिर गए.
  • बुजुर्ग का पैर 8वीं मंजिल की खिड़की की ग्रिल में फंस गया, जिससे उनकी जान बची.
  • फायर ब्रिगेड को तुरंत सूचना दी गई और तीन स्टेशनों की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन किया.
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Surat High-Rise Accident: जाको राखे साइयां, मार सके न कोय... सूरत के रांदेर इलाके में एक बुजुर्ग पर ये कहावत सटीक बैठती है. 57 साल का शख्स 10वीं मंजिल पर घर की खिड़की के पास सो रहे थे. इस बीच अचानक वो खिड़की से नीचे गिर गए, लेकिन खुशकिस्मती ये रही है कि वो जमीन से टकराने के बजाए 8वीं मंजिर की खिड़की की ग्रिल में अटक गए. घटना के तुरंत बाद फायर ब्रिगेड को जानकारी दी गई और फिर तीन स्टेशनों की दमकल टीम ने बुजुर्ग को निकाला. 

ग्रिल में फंस गया पैर 

बुजुर्ग का पैर 8वीं मंजिल पर खिड़की की ग्रिल में फंस गया था. वो हवा में लटके रहे. एक घंटे तक जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे इस शख्स को बचाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम ने जांबाजी वाला रेस्क्यू ऑपरेशन किया. दिल दहला देने वाला रेस्क्यू ऑपरेशन किया, उससे लोगों की सांसें थम सी गईं.

सुबह 8 बजे क्या हुआ?

रांदेर जोन में जहांगीराबाद डी-मार्ट के पास ‘टाइम गैलेक्सी' बिल्डिंग के ब्लॉक A की 10वीं मंजिल पर रहने वाले नितिनभाई अडिया (57) अपने घर की खिड़की के पास सो रहे थे. इसी बीच वह अचानक खिड़की से नीचे गिर गए. खुशकिस्मती से वह सीधे ज़मीन पर गिरने के बजाय, 8वीं मंजिल पर खिड़की की बाहरी ग्रिल और रेलिंग में फंस गए. उनका पैर ग्रिल में बुरी तरह फंस गया और वह हवा में लटका रहा.

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तुरंत हरकत में आई फायर ब्रिगेड

फायर ब्रिगेड तुरंत हरकत में आई और तीन स्टेशनों की टीमों ने काम शुरू कर दिया. जैसे ही फायर कंट्रोल रूम को कॉल मिला, हालात की गंभीरता को समझते हुए तीन फायर स्टेशनों जहांगीरपुरा, पालनपुर और अडाजन की टीमें मौके पर पहुंच गईं. नितिनभाई को 10वीं मंजिल से रस्सी और सेफ्टी बेल्ट से सुरक्षित किया गया. दूसरी तरफ, जवान 10वीं मंजिल और 8वीं मंजिल पर पहुंच गए. नितिनभाई को 10वीं मंजिल से रस्सी और सेफ्टी बेल्ट से सुरक्षित किया गया. 

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