हाथरस वाले 'बाबा' पर लगे हैं यौन शोषण के आरोप, पुलिस की नौकरी से किया गया था बर्खास्त

नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल सिंह है. वह कासगंज जिले के बहादुर नगर गांव का रहने वाले हैं.दलित परिवार से आने वाले 58 साल के सूरजपाल सिंह के तीन भाई थे. उसके सबसे बड़े भाई की मौत हो चुकी है.छोटे भाई राकेश अभी भी गांव में ही रहते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई है. यह सत्संग स्वयंभू बाबा नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा ने आयोजित किया था. हादसे के बाद से बाबा फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश में उनके ठिकानों की तलाशी ले रही है. बाबा बनने से पहले ये भोले बाबा उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही थे.उसे पुलिस की नौकरी से बर्खास्त किया गया था.उन पर यौन शोषण के भी आरोप लगे थे.हालांकि भोले बाबा अपने भक्तों से कहते थे कि उसने पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लिया था. वह इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में भी काम करने का दावा अपने भक्तों से करते थे.

कहां का रहने वाला है नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा

नारायण सरकार विश्वास हरि ऊर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल सिंह है. वह कासगंज जिले के बहादुर नगर गांव का रहने वाले हैं.दलित परिवार से आने वाले 58 साल के सूरजपाल सिंह के तीन भाई थे. उनके सबसे बड़े भाई की मौत हो चुकी है. वहीं उनका छोटा भाई राकेश अभी भी गांव में ही रहकर खेती-बाड़ी करते हैं.

हाथरस की घटना के बाद एनडीटीवी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख (डीजीपी) प्रकाश सिंह से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा को उत्तर प्रदेश पुलिस से बर्खास्त किया गया था. उन्होंने बताया कि सूरजपाल सिंह पर 5-6 केस दर्ज हैं, इनमें यौन शोषण के आरोप भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इनकी भाव-भंगिमा को देखकर कभी नहीं लगता है कि वो आईबी में काम कर चुके हैं, क्योंकि आईबी में काम करने वाला व्यक्ति कभी नहीं बताएगा कि वो आईबी में काम करता है. उन्होंने कहा कि सूरजपाल सिंह के कृत्य को देखते हुए उनके अतीत की भी जांच कराई जानी चाहिए.

Advertisement

आगरा में थी अंतिम तैनाती

हाथरस की घटना के बाद कुछ पुलिस अधिकारी उनके पैतृक गांव पहुंचे थे. उन्हीं में से एक ने अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि सूरजपाल ने करीब एक दशक तक उत्तर प्रदेश पुलिस में काम किया. इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी. उसकी अंतिम पोस्टिंग आगरा में थी. सूरजपाल ने नौकरी 1990 के दशक में ही किसी समय छोड़ दी थी.

Advertisement

बहादुर नगर के ग्राम प्रधान नाजिश खानम के पति जाफर अली ने अखबार को बताया, ''सूरजपाल सिंह की शादी हुई है, लेकिन उनके बच्चे नहीं हैं. पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद उसने भोले बाबा का नाम धारण कर लिया. वहीं उसकी पत्नी को लोग 'माताश्री' कहकर बुलाते हैं.'' जाफर बताते हैं कि सूरजपाल का परिवार संपन्न था.

Advertisement

अपने पैतृक गांव में भी बनवाया है आश्रम 

उन्होंने बताया, ''सूरजपाल ने गांव में अपनी 30 बीघे जमीन पर आश्रम बनवाया है. उनका आशीर्वाद लेने के लिए दूसरे जिलों के साथ-साथ दूसरे राज्यों से भी लोग आते हैं.उन सभी लोगों का आश्रम में ही ठहराया जाता है.'' वो बताते हैं कि सूरजपाल ने पांच साल पहले गांव छोड़ दिया था. उसे डर था कि उसके खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है. जाफर बताते हैं कि सूरजपाल आजकल राजस्थान में कहीं रहते हैं. पिछले साल वो गांव वापस लौटे थे और अपनी संपत्ति को ट्रस्ट के नाम कर दिया था. इस संपत्ति की देखरेख एक मैनेजर करता है.

Advertisement

ये भी पढ़ें: हाथरस में 121 मौतों का वो खौफनाक पल : जब बाबा के पैरों की धूल लेने लेटे लोग और फिर बिछने लगीं लाशें

Featured Video Of The Day
Maharashtra में विभागों का बंटवारा, गृह मंत्रालय CM Fadnavis के पास, Shinde को तीन मिनिस्ट्री