सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, बार सदस्यों  के खिलाफ शिकायतें साल के भीतर निपटाए बीसीआई

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि ''केवल असाधारण मामलों में वैध कारणों के साथ ही राज्यों से शिकायतों को बीसीआई को भेजा जाना चाहिए.'' 

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
 अदालत ने कहा बीसीआई के समक्ष 1,246 शिकायतें लंबित हैं
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शनिवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) (BCI) को निर्देश दिया कि वह राज्य बार काउंसिल से अधिवक्ता अधिनियम की धारा 35 के तहत मिली शिकायतों का एक साल के भीतर निपटारा करे. शीर्ष अदालत ने बीसीआई को यह भी निर्देश दिया है कि बीसीआई को यह निर्देश भी दिया है कि हस्तांतरित शिकायतों का निपटारा भी उनकी प्राप्ति की तारीख से एक वर्ष के भीतर किया जाये.  न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि ''केवल असाधारण मामलों में वैध कारणों के साथ ही राज्यों से शिकायतों को बीसीआई को भेजा जाना चाहिए.'' 

मंदिर में दुकानों की लीज की नीलामी में भाग लेने से गैर हिंदुओं को रोका नहीं जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

पीठ ने कहा - ‘‘हम बार काउंसिल ऑफ इंडिया को हस्तांतरित की गई शिकायतों का अंतिम रूप से त्वरित निपटारा करने का निर्देश देते हैं, जिनका विवरण यहां दिया गया है. इनके निपटान में एक साल से अधिक का समय नहीं लगना चाहिए और इसके लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनुशासनात्मक समिति सर्किट सुनवाई कर सकती है.''  शीर्ष अदालत ने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम के तहत, कानूनी पेशे की अखंडता की रक्षा करना बीसीआई और राज्य बार काउंसिल का कर्तव्य है. उसने शुक्रवार को दिए अपने फैसले में कहा कि बीसीआई और संबंधित राज्य बार काउंसिल का कर्तव्य है कि वे कानूनी व्यवस्था की श्रेष्ठता हर कीमत पर सुनिश्चित करें. 

पीठ ने कहा - ‘‘अधिवक्ता अधिनियम की धाराओं 35 और 36 बी के तहत बार के सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की शक्तियां प्रदान की गई हैं.  धारा 35 और/या धारा 36 के तहत प्राप्त शिकायत का उसकी प्राप्ति और/या बार काउंसिल ऑफ इंडिया में ऐसी कार्यवाही की तिथि से एक वर्ष की अवधि के भीतर निपटारा करने का आदेश है.'' पीठ ने कहा - ‘‘अधिनियम में दिए गए समय के भीतर शिकायत का निपटारा नहीं करना अधिवक्ता अधिनियम के तहत निर्धारित कर्तव्य को निभाने में उनकी विफलता के समान होगा.''

मंदिर में दुकानों की लीज की नीलामी में भाग लेने से गैर हिंदुओं को रोका नहीं जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

अदालत ने कहा कि बीसीआई के समक्ष 1,246 शिकायतें लंबित हैं और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए यह उचित और आवश्यक है कि उक्त शिकायतों के निपटान के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार एक तंत्र खोजा जाए.  पीठ ने कहा कि शिकायतों के कुशल और त्वरित निपटान के लिए बीसीआई अनुभवी अधिवक्ताओं और / या सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को जांच अधिकारियों के रूप में कार्य करने के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार कर सकता है और उनकी जांच रिपोर्ट पर विचार करने के बाद शिकायत पर उचित आदेश दे सकता है. 

Advertisement

न्यायालय ने यह फैसला बीसीआई की अनुशासन समिति द्वारा पारित उस आदेश के खिलाफ दायर एक अपील पर दिया, जिसमें समिति ने अपीलकर्ता द्वारा उसके वकील के खिलाफ दायर शिकायत को खारिज कर दिया था. अपीलकर्ता ने पेशेवर कदाचार के आधार पर अपने वकील के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

कानून की बात : सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार की ओर से गठित आयोग को पेगासस मामले की जांच से रोका

Advertisement
Featured Video Of The Day
मिशन: ज़ीरो डेंगू डेथ्स, डरे नहीं, लक्षण पहचानें, जान बचाएं | Dengue Symptoms | Dengue Treatment
Topics mentioned in this article