सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल एसेट्स की सुरक्षा के लिए अंतरिम आदेश की मांग करने वाली अमेजन की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जता दी है. अब सुप्रीम कोर्ट 23 मार्च को अंतरिम सुरक्षा की मांग करने वाली अमेजन की याचिका पर सुनवाई करेगा. इसके साथ ही SC ने फ्यूचर रिटेल, फ्यूचर कूपन्स को सुरक्षा की मांग करने वाली अमेजन की याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. फ्यूचर ने भी अमेजन के साथ मध्यस्थता कार्यवाही को फिर से शुरू करने के लिए सहमति जताई है.
फ्यूचर का तर्क है कि अमेजन आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल से सुरक्षात्मक आदेश मांग सकता है सुप्रीम कोर्ट से नहीं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो रिलायंस द्वारा लिए जा रहे फ्यूचर रिटेल के स्टोर के खिलाफ अमेजन की याचिका पर बुधवार को विचार करेगा. अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था फ्यूचर रिटेल की संपत्ति पर अमेजन, बियानी समूह और रिलायंस के बीच समझौता करने के लिए बातचीत में कोई प्रगति नहीं हुई.
अमेजन के वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा था. कभी-कभी हम बहुत आशान्वित होते हैं, लेकिन अंतिम परिणाम कुछ भी नहीं होता है. उच्च स्तर पर बैठकें हुईं लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. अमेजन ने फ्यूचर पर मामला लंबित होने के बावजूद रिलायंस को अपनी संपत्ति ट्रांसफर का आरोप लगाया. वहीं फ्यूचर ने कहा कि मुकदमे ने इसे दिवालियेपन की ओर धकेल दिया है. वकील हरीश साल्वे ने कहा अमेजन हमें घुटनों के बल ले जा रहा है, हम टूट गए हैं .
फ्यूचर रिटेल ने कहा 15 दिन पहले शॉप टेकओवर शुरू हुआ था. हमारे पास इस पर कोई नियंत्रण नहीं है कि चल रहे मुकदमे के बावजूद रिलायंस कार्रवाई कर रही है, रिलायंस ले रहा है. हम कुछ नहीं कर सकते हम क्या करें? हमने कहीं भी हस्ताक्षर नहीं किए हैं. दरअसल बियानी ने जाकर विरोध किया. इस मुकदमे ने हमें दिवालियेपन की ओर धकेल दिया है. कुछ भी ट्रांसफर नहीं किया गया है. दो साल से किराया नहीं दिया गया है. हमारे पास पैसे नहीं थे और हम सभी मंचों पर यही कहते रहे हैं. जमीन मालिक हमारी लीज समाप्त कर रहे हैं. हम चीजों की महिमा और भव्यता के बारे में बात कर सकते हैं लेकिन जब हम टूट जाते हैं तो हम टूट जाते हैं.
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