कुत्तों के शेल्टर होम को पाउंड क्यों बोलते हैं? जानें यह शब्द कहां से आया

Supreme Court Stray Dog Judgment: सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर के तमाम आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में डाल दिया जाए.

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डॉग शेल्टर को कहा जाता है पाउंड
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  • सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया है
  • आवारा कुत्तों के काटने के मामलों में बढ़ोतरी के कारण यह आदेश जारी किया गया है
  • कुत्तों के शेल्टर होम को अंग्रेजी में पाउंड भी कहा जाता है, जिसे लेकर लोगों में कंफ्यूजन रहती है
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सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली-एनसीआर के तमाम आवारा कुत्तों को पकड़ा जाए और उन्हें शेल्टर होम में रखा जाए. ये आदेश आवारा कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ने के बाद आया है. हालांकि इसे लेकर अब काफी विवाद भी हो रहा है और पेट लवर्स प्रोटेस्ट कर रहे हैं. कुत्तों या फिर बिल्लियों के शेल्टर होम को पाउंड भी कहा जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि पाउंड शब्द का क्या मतलब होता है और शेल्टर होम से इसका क्या कनेक्शन है. 

क्या होता है पाउंड या शेल्टर होम?

अब सबसे पहले ये जान लेते हैं कि पाउंड और शेल्टर होम जैसे शब्दों का इस्तेमाल क्यों होता है. दरअसल सरकार की तरफ से जिन कुत्तों को पकड़कर किसी खास जगह में डाला जाता है, उसे पाउंड भी कहते हैं. आमतौर पर नगर निगम या फिर किसी सरकारी एजेंसी की तरफ से जब आवारा जानवरों को जबरन पकड़कर शेल्टर में डाला जाता है तो कई लोग उसे पाउंड कहते हैं.  वहीं शेल्टर होम एनजीओ या फिर कुछ लोगों का ग्रुप भी चला सकता है. आमतौर पर पेट लवर्स ऐसा करते हैं, जिसमें वो आवारा कुत्तों या बिल्लियों को शेल्टर होम में रखकर पालते हैं और फिर उन्हें अडॉप्ट करने का ऑप्शन भी होता है. 

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कहां से आया पाउंड शब्द?

पाउंड शब्द लैटिन भाषा के लेब्रा पोंडो (Pondo) से लिया गया है. आमतौर पर इसका इस्तेमाल वजन या फिर करेंसी को लेकर ही किया जाता है. इसका मतलब पीटकर कुचलना, पानी की घेराबंदी करना या फिर पशुओं के लिए एक घेरा भी होता है. इसीलिए जानवरों के लिए किसी बंद जगह को लोग पाउंड भी कहकर बुलाते हैं.  जब्त किए गए सामान को रखने वाली जगह को भी पाउंड कहकर संबोधित किया जाता था. 

विदेशों में कुत्ते और बिल्लियों के लिए शेल्टर होम कल्चर काफी मशहूर है. यहां आवारा कुत्तों या फिर ऐसे जानवरों को पकड़कर लोग शेल्टर होम में रखते हैं और वहां उन्हें अच्छा खाना खिलाया जाता है. इसके बाद उनकी ग्रूमिंग होती है और फिर लोग उन्हें अडॉप्ट करने आते हैं. इससे सड़कों पर कम आवारा कुत्ते दिखते हैं और किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है. 

क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर के तमाम आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में डाल दिया जाए. हालांकि आवारा कुत्तों का आंकड़ा 2.5 लाख से लेकर तीन लाख तक बताया जा रहा है. इन सभी को रखने के लिए करीब 3 हजार पाउंड (शेल्टर होम) की जरूरत होगी. 
 

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