हिंडनबर्ग केस और 2016, 2020 की जांच में घालमेल करने पर याचिकाकर्ता को SC की दो टूक

सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग केस की जांच कर रही SEBI को जांच के लिए तीन और महीने का समय दे दिया है. इसके साथ ही सेबी से 14 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

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SEBI ने मामले की जांच के लिए 6 महीने का और समय मांगा था.

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने 2016, 2020 और हिंडनबर्ग की जांच के बीच घालमेल करने के लिए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हिंडनबर्ग केस की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने एक बार फिर मांग उठाई कि SEBI (सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने 2016 से जो जांच की है उसमें क्या निकला ये बताएं. इसपर SEBI की तरफ से पेश सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कड़ी आपत्ति जताई और मुख्य न्यायाधीश ने भी उनकी बात पर मुहर लगा दी.

हिंडनबर्ग, 2016 और 2020 के मामले अलग
याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट में कहा कि सेबी से 2016 और 2020 में की गई जांच पर रिपोर्ट मांगी जानी चाहिए. बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने इस मांग पर कहा- ''हम सिर्फ हिंडनबर्ग मामले पर हैं. 2016 की जांच ग्लोबल डिपॉजिटरी रसीद (GDR) जारी करने से संबंधित है, जबकि 2020 की मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम (MPS) की अवहेलना को लेकर. ऐसे में अदालत चलती-फिरती जांच के आदेश नहीं दे सकती.. ऐसी जांच में प्रथम दृष्ट्या रिपोर्ट कैसे मांगी जा सकती है''

याचिकाकर्ता के सवाल और तुषार मेहता के जवाब
दरअसल मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और तुषार मेहता के बीच बहस हुई. प्रशांत भूषण ने कहा कि सेबी से रिपोर्ट मांगनी चाहिए कि उसने 2016 और 2020 में जो जांच की, उसमें क्या पाया?  उन्होंने अदालत में 2021 में संसद में दिए गए वित्त मंत्रालय के जवाब को भी रखा. इस बात पर तुषार मेहता ने कहा कि 2016 के मामले का हिंडनबर्ग की जांच से कोई लेना देना नहीं है.

2016 से कुछ भी उठाकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से नहीं जोड़ सकते. 2016 का मामला बिल्कुल अलग था और उसका हिंडनबर्ग रिपोर्ट से कुछ लेना-देना नहीं है. साल 2016 में SEBI ने जिन 51 भारतीय कंपनियों की जांच की थी, उनमें से कोई भी अदाणी ग्रुप से जुड़ी नहीं थीं.

तुषार मेहता

सॉलिसिटर जनरल

तुषार मेहता के जवाब पर प्रशांत भूषण ने जब फिर सवाल किया तो CJI चंद्रचूड़ ने भूषण से कहा-

हम यहां पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर बहस कर रहे हैं और 2016 की जांच ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट और 2020 की जांच मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग से जुड़ी हुई थी.

डीवाई चंद्रचूड़

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया

सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी की रिपोर्ट पर 11 जुलाई को सुनवाई
हिंडनबर्ग केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी नियुक्त की थी, उसकी रिपोर्ट पहले ही कोर्ट में जमा की जा चुकी है. बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि उसे रिपोर्ट का विश्लेषण करने के लिए समय चाहिए, लिहाजा इस रिपोर्ट पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. CJI ने ये भी कहा कि ये कमेटी आगे भी विचार करती रहेगी और कोर्ट की सहायता करती रहेगी.

सेबी को 14 अगस्त तक का समय
हिंडनबर्ग केस की जांच कर रही SEBI को कोर्ट ने जांच के लिए तीन और महीने दे दिए हैं. कोर्ट ने SEBI से 14 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है. SEBI मामले की जांच के लिए 6 महीने अतिरिक्त समय चाहता था लेकिन कोर्ट ने कहा कि आप स्टेटस रिपोर्ट पेश कीजिए, आगे समय देना है या नहीं ये 14 अगस्त को विचार कर सकते हैं.

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