सुप्रीम कोर्ट ने ओरेवा के मैनेजर दिनेश कुमार दवे (Dinesh Kumar Dave) को गुजरात हाई कोर्ट द्वारा दी गई जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम हाई कोर्ट के आदेश में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे. ओरेवा के मैनेजर दिनेश कुमार दवे के जमानत को रद्द करने के लिए विक्टिम संगठन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. ओरेवा के मैनेजर दिनेश कुमार देव पर मोरबी पुल (Morbi Bridge Collapse ) के रखरखाव की जिम्मेदारी थी. साल 2022 में मोरबी पुल ढहने में अपनी कथित भूमिका के लिए जेल में है, जिसमें 135 लोग मारे गए थे.
दिनेश दवे उन दस आरोपियों में से एक हैं, जिन्हें पिछले साल अक्तूबर में गुजरात के मोरबी शहर में ब्रिटिशकालीन झूला पुल ढहने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था. ओरेवा ग्रुप द्वारा बनाए और संचालित पुल के मरम्मत के बाद दोबारा खोले जाने के कुछ दिनों बाद ढह जाने से कम से कम 135 लोगों की मौत हो गई और 56 गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
मामले में कुल 10 आरोपियों को नामित किया गया है जो हैं , जयसुख पटेल (ओरेवा ग्रुप के एमडी) देवांग परमार, दिनेश दवे और दीपक पारेख (ओरेवा ग्रुप के प्रबंधक), प्रकाश परमार (उपठेकेदार), अल्पेश गोहिल, मनसुख टोपिया , महादेव सोलंकी, मुकेश चौहान, दिलीप गोहिल (टिकट बुकिंग क्लर्क/सुरक्षा गार्ड).