सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मलयालम अभिनेता दिलीप (Dileep) के खिलाफ यौन शोषण मामले (sexual assault case) में मुकदमे का ट्रायल छह महीने में पूरा करने का आदेश लोअर कोर्ट को दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह अंतिम मौका है. अभिनेता के खिलाफ मामले की सुनवाई कोच्चि की एक स्थानीय अदालत कर रही है. वहां के न्यायाधीश ने अतिरिक्त समय मांगा था क्योंकि उच्च न्यायालय में मुकदमेबाजी के कारण मुकदमा लंबित हो गया था. यह दूसरी बार है जब ऐसा विस्तार प्रदान किया गया है.
ट्रायल के लिए छह महीने की मोहलत देने के साथ ही शीर्ष अदालत ने आज दोनों पक्षों को सहयोग करने के लिए भी कहा है.
एक महिला एक्टर को फरवरी 2017 में कोच्चि की यात्रा के दौरान कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था और उसका यौन शोषण किया गया था. उस वक्त कम से कम चार लोग थे, जिन्होंने कथित रूप से इस हमले को फिल्माया था. इस मामले में मलयाली फिल्मों के अभिनेता दिलीप गिरफ्तार होने वाले आठवें आरोपी हैं, जिन्हें जुलाई 2017 में गिरफ्तार किया गया था लेकिन दो महीने बाद बेल पर रिहा कर दिया गया था.
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दिलीप पर अभिनेत्री के अपहरण की साजिश और अपनी कार के अंदर छेड़छाड़ करने का आरोप है.
मामले में ट्रायल नवंबर 2019 में शुरू हुआ था लेकिन हाल ही में उसमें तब गतिरोध आ गया जब अभियोजन पक्ष ने सुनवाई कर रहे जज पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट से सुनवाई कर रहे जज को बदलने की मांग की. बाद में अभिनेत्री में भी ऐसी ही मांग की थी. हालांकि, केरल हाई कोर्ट ने उन याचिकाओं का खारिज कर दिया था.
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राज्य सरकार ने तब सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने दिसंबर 2020 में यह कहते हुए अनुरोध को खारिज कर दिया कि ऐसे आरोप "अनुचित" थे.
ANI की रिपोर्ट के अनुसार, कोच्चि में अतिरिक्त विशेष सत्र न्यायालय ने पिछले महीने दिलीप की जमानत रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया था. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि एक्टर ने अपने पक्ष में बयान देने के लिए मामले में दो गवाहों को डराया. हालांकि, दिलीप ने कहा कि मामले की जांच करने वाली अपराध शाखा को इस आरोप को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिले हैं.