बंगाल में बीजेपी MLA की संदिग्ध मौत का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच की मांग वाली याचिका बंद की

वकील शशांक शेखर झा की ओर से याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया था कि पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता देवेंद्र नाथ रे की रहस्यमयी मौत की सीबीआई/एनआईए जांच की मांग की थी. 

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इस मसले पर हाईकोर्ट दे चुका है फैसला, दोबारा सुनवाई की ज़रूरत नहीं : सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में बीजेपी विधायक (BJP MLA) देवेंद्र नाथ रे (Debendra Nath Ray) की कथित हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (CBI) जांच की मांग‌ वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई बंद कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि यह मसला हाईकोर्ट देख चुका है और फैसला दे चुका है. दोबारा सुनवाई की ज़रूरत नहीं है. अगर मृतक का परिवार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करता है तो हम देखेंगे. 

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि विधायक की पत्नी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले को भी उसी याचिका के साथ टैग कर दें, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो याचिका आएगी तब देखेंगे. 

वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले पर विचार किया है. मामले में पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी की गई है. हाईकोर्ट ने कहा है कि सामान्य तरीके से मामले की स्वतंत्र जांच के आदेश नहीं दिया जा सकता. पिछले साल 13 जुलाई को विधायक राय फंदे से झूलते मिले थे. याचिका में कहा गया है कि विधायक की हत्या हुई थी और इसमें सत्ताधारी टीएमसी के लोग शामिल हैं. इसलिए, पुलिस हत्या को आत्महत्या बता रही है. 

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पश्चिम बंगाल सरकार के जवाब पर दो हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. इस मामले में ममता बनर्जी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया था. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इन आरोपों से इनकार किया कि राज्य मशीनरी अलग-अलग राजनीतिक विचारधारा वाले लोगों के खिलाफ काम कर रही है. इस आरोप से भी इनकार किया गया है कि लोगों के बीच एक विशेष राजनीतिक पार्टी में शामिल होने या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने से डर पैदा हो गया है. 

यह हलफनामा वकील शशांक शेखर झा की याचिका पर दाखिल किया गया है जिसमें पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता देवेंद्र नाथ रे की रहस्यमयी मौत की सीबीआई/एनआईए जांच की मांग की थी. 

गौरतलब है कि रे 13 जुलाई को एक पेड़ से लटके हुए पाये गये थे. याचिका में इसे राजनीतिक हत्या करार दिया गया है. रे ने आत्महत्या की है और याचिकाकर्ता पर बेवजह आरोप लगाने की बात कहते हुए हलफनामे में कहा गया है कि यह इनकार किया जाता है कि देवेंद्र नाथ रे की मौत एक राजनीतिक हत्या थी या राज्य मशीनरी का उपयोग किया गया था.

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