'पूरे देश पर पड़ेगा असर'- छात्र कार्यकर्ताओं की जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर बोला SC

दिल्‍ली हिंसा मामले में स्‍टूडेंट एक्टिविस्‍ट नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और आसिफ इकबाल को गुरुवार रात जमानत पर रिहा किया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
तीनों एक्टिविस्ट देवांगना, आसिफ़ और नताशा की बेल बरकरार
SC का HC के जमानत आदेश पर रोक लगाने से इंकार किया
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का परीक्षण करने को तैयार
नई दिल्ली:

दिल्‍ली हिंसा मामले में स्‍टूडेंट एक्टिविस्‍ट को बेल (Student activists bail) के खिलाफ दिल्‍ली पुलिस की याचिका पर टिप्‍पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कहा है कि 'इससे पूरे देश पर असर पड़ेगा.दिल्‍ली हिंसा मामले में स्‍टूडेंट एक्टिविस्‍ट नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और आसिफ इकबाल को गुरुवार रात जमानत पर रिहा किया गया है. ये नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्‍ली में भड़के दंगों से कथित संबंध को लेकर पिछले एक वर्ष से जेल में थे.कोर्ट ने कहा, 'यह मुद्दा बेहद महत्‍वपूर्ण है और इसका पूरे देश पर प्रभाव हो सकता है, हम इस मामले में नोटिस जारी करना चाहेंगे.' इसके साथ ही तीनों एक्टिविस्ट देवांगना, आसिफ़, नताशा नरवाल की जमानत बरकरार रखी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत देने के निर्णय पर रोक लगाने से इंकार किया, हालांकि सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का परीक्षण करने को तैयार हो गया है. तीनों एक्टिविस्ट को नोटिस जारी किया गया है.

'सेंसरशिप चाहती है सरकार' : ट्विटर के साथ केंद्र की तनातनी के बीच असदुद्दीन ओवैसी का वार

दिल्‍ली पुलिस ने अपनी याचिका में कहा है, 'आदेश पर रोक लगाई जाए, आदेश से लग रहा है कि तीनों को क्लीन चिट मिल गई हो. दिल्‍ली दंगों में 53 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी, इसमें कई पुलिस वाले थे और 700 लोग घायल हुए थे. कोर्ट ने कहा कि दंगे नियंत्रित हो गए इसलिए UAPA  लागू नहीं होता. क्या इस तरह के गंभीर अपराध को कम (diluted) समझा जा सकता है?आदेश पर रोक लगाई जाए.'

Advertisement

कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने से जल्दी आ जाएगी तीसरी लहर : दिल्ली के अनलॉक पर HC

Advertisement

दिल्‍ली पुलिस ने कहा कि तीनों आरोपियों को जेल से बाहर रखा जाए लेकिन आदेश पर रोक लगाई जाए. हाईकोर्ट का आदेश कहता है कि UAPA ये दिल्ली दंगों पर लागू नही होता. दिल्ली पुलिस के अनुसार हाईकोर्ट ने कहा कि UAPA का इस्तेमाल देश की रक्षा संबंधित मामलों में होना चाहिए, न उससे कम न उससे ज़्यादा, यानी इस मामले में हम UAPA लगाते हैं तो ये असंवैधानिक हो गया. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के फ़ैसले को मिसाल के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. हम तीनों की बेल रद्द नहीं कर रहे, तीनों आरोपी जेल से बाहर रहेंगे. SC ने कहा कि हम दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा UAPA को लेकर दिए गए फ़ैसले की जांच करेंगे. तीनों आरोपियों को नोटिस दिया गया मामले की सुनवाई 19 जुलाई को होगी.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Top Headlines: BSF Soldiers Returns From Pakistan | Operation Sindoor |PM Modi | India Pakistan News
Topics mentioned in this article