SC ने केंद्र के खिलाफ केजरीवाल सरकार की याचिका को बताया हास्यास्पद, सुनवाई से किया इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली सरकार द्वारा दायर की गई याचिका का कोई मतलब नहीं है. कोर्ट ने पड़ोसी राज्यों के थर्मल पॉवर प्लांट्स से संबंधित दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट से आज दिल्ली की केजरीवाल सरकार को तगड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकारा द्वारा केंद्र के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. दिल्ली सरकार ने यह याचिका पड़ोसी राज्यों के  पॉवर प्लांट्स को बंद करने के संबंध में दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह हास्यास्पद है और वह इस पर सुनवाई नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और यूपी में 10 कोयला आधारित पॉवर प्लांट्स को बंद करने की दिल्ली सरकार द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई करने से इनकार करने के साथ ही दिल्ली सरकार से पूछा क्या वे याचिका वापस लेना चाहते हैं? दिल्ली सरकार ने याचिका वापस ले ली है. 

जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की. दरअसल दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर केंद्र को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 10 थर्मल पावर प्लांटों में फ्यूल गैस डिसल्फराइजेशन डिवाइस लगाने का निर्देश देने की मांग की थी. दिल्ली सरकार का कहना है कि ये डिवाइस ना होने के कारण उन थर्मल प्लांटों से राजधानी में प्रदूषण फैलता है. 

याचिका में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 9 थर्मल पावर प्लांटों को फ्यूल गैस डिसल्फराइजेशन (FGD) की स्थापना की समय सीमा बढ़ाने के आदेश को रद्द करने की भी मांग की गई थी. साथ ही याचिका में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पारित  आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें कोयला आधारित बिजली संयंत्रों द्वारा उत्सर्जन मानदंडों के अनुपालन के लिए समयसीमा में संशोधन / विस्तार किया गया है. 

Advertisement

इसके अलावा  पावर प्लांट ऑपरेटरों और नियामक प्राधिकरणों यानी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उनकी संबंधित वेबसाइट पर सार्वजनिक डोमेन में सतत उत्सर्जन निगरानी डेटा (OCEMS) प्रदान करने के लिए निर्देश मांगे गए हैं. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली सरकार की गुहार है कि इस मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पिछले आदेश पर रोक लगाते हुए  केंद्र सरकार को निर्देश दे कि दिल्ली के आसपास स्थित इन दसों कोयला आधारित थर्मल पॉवर प्लांट्स में फ्यूल गैस डिफ्यूजर तकनीक स्थापित करे. CPCB ने इन पॉवर प्लांट्स में तकनीक सुधार को लेकर समय सीमा बढ़ाई थी. 
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Sharda Sinha Health Update: किस बात से परेशान हैं शारदा सिन्हा? ICU से बेटे को क्या दिया आदेश?
Topics mentioned in this article