सुप्रीम कोर्ट ने असम के कछार जिले में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण कार्य गतिविधियों पर रोक लगाई

याचिकाकर्ता की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा कि 26 अप्रैल को सरकार ने जमीन पर कब्जा ले लिया है और तब से अब तक लाखों झाड़ियां और छायादार पेड़ काट दिए गए हैं. ⁠इन झाड़ियों की ऊंचाई दस से 15 फुट है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आज तक कोई पर्यावरणीय मंजूरी जारी नहीं की गई है.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने असम के कछार जिले में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण कार्य गतिविधियों पर रोक लगा दी है. जब तक पर्यावरण विभाग की परियोजना पर क्लियरेंस रिपोर्ट कोर्ट तक नहीं पहुंच जाती तब तक ये रोक बनी रहेगी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष विचार के लिए आई जनहित याचिका के मुताबिक पर्यावरण मंजूरी लिए बिना ही वहां एयरपोर्ट बनाने के लिए लाखों झाड़ियां और पेड़ काटे जा रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान भी असम सरकार से डोलू चाय बागान और आसपास प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण स्थल पर यथास्थिति बहाल रखने को कहा था. ⁠

याचिकाकर्ता की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा कि 26 अप्रैल को सरकार ने जमीन पर कब्जा ले लिया है और तब से अब तक लाखों झाड़ियां और छायादार पेड़ काट दिए गए हैं. ⁠इन झाड़ियों की ऊंचाई दस से 15 फुट है.

रोक और यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए CJI डी वाई चंद्रचूड ने कहा कि हमारा मानना ​​है कि वर्तमान मामले में अधिकारियों ने पर्यावरण मंजूरी के अभाव में साइट पर व्यापक निकासी करके अधिसूचना का उल्लंघन किया है. असम सरकार का कहना है कि नागरिक हवाई अड्डा बनाने की आवश्यकता है. हवाई अड्डा कहां होना चाहिए, यह निर्णय नीतिगत मामला है लेकिन जब कानून गतिविधियों को करने के लिए विशिष्ट मानदंड निर्धारित करता है तो कानून के प्रावधान का पालन किया जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आज तक कोई पर्यावरणीय मंजूरी जारी नहीं की गई है. हम अपील की अनुमति देते हैं और एनजीटी के आदेश को रद्द करते हैं. हम निर्देश देते हैं कि 2006 की अधिसूचना का उल्लंघन करते हुए कोई गतिविधि नहीं की जाएगी.

Featured Video Of The Day
Jaipur CNG Tanker Blast: 2 दिन में 3 राज्यों में 3 बड़े हादसे | Bus Fire News