- RSS के प्रांत प्रचारकों की 4 से 6 जुलाई तक बैठक आयोजित की जाएगी.
- बैठक में सभी 46 प्रांतों के कार्यों की समीक्षा और सुझावों पर चर्चा होगी.
- संघ के प्रमुख नेता और 32 संगठनों के संगठन मंत्री बैठक में शामिल होंगे.
- 2 अक्टूबर से प्रारंभ होने वाले शताब्दी वर्ष समारोह की योजना पर भी मंथन होगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया है कि 4 से 6 जुलाई तक आरएसएस के प्रांत प्रचारकों की बैठक केशव कुंज दिल्ली में होगी. पूरे देश से 233 कार्यकर्ता इसमें शामिल होंगे. इस दौरान संगठनात्मक चर्चा के अलावा सभी 46 प्रांतों के कार्यों की समीक्षा होगी. सुझावों, बदलावों पर चर्चा की जाएगी. इस दौरान सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का मार्गदर्शन भी प्राप्त होगा.
सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक में सभी सह सरकार्यवाह, कार्य विभाग प्रमुख और संघ प्रेरित 32 विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री उपस्थित रहेंगे. संघ का प्रशिक्षण वर्ग पूरा करके जुलाई में सब एकत्रित होते हैं. अब तक 100 वर्गों का आयोजन हो चुका है. इसमें 40 वर्ष से कम उम्र के 75 वर्ग थे और 40-60 वर्ष के लोगों के लिए 25 वर्ग आयोजित किए गए. बैठक में इन वर्गों की समीक्षा की जाती है. व्यक्तित्व निर्माण की दृष्टि से ये वर्ग काफ़ी महत्वपूर्ण होते हैं.
सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर और प्रदीप जोशी के साफ केशव कुंज में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आंबेकर ने बताया कि बैठक में संघ के सभी प्रमुख नेता शामिल होंगे. संघ से जुड़े 32 संगठनों के संगठन मंत्री भी हिस्सा लेंगे. शताब्दी वर्ष इसका मुख्य विषय है, इसलिए शताब्दी वर्ष की योजना के बारे में चर्चा होगी. खंड, बस्ती और मंडल स्तर पर हिंदू सम्मेलन होने हैं. समाज के प्रमुख विषयों पर भी चर्चा की जाएगी.
प्रचार प्रमुख ने बताया कि 2 अक्तूबर को दशहरे से नागपुर में शताब्दी वर्ष का प्रारंभ होगा. देश भर में हर शाखा पर विजयादशमी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इस दौरान गृह संपर्क का आयोजन होगा. स्वयंसेवक घर-घर जाकर संपर्क करेंगे और संघ के उद्देश्यों की जानकारी देंगे. नवंबर से 21 दिनों तक यह आयोजन चलेगा. साहित्य सामग्री भी बांटी जाएगी.
इसके अलावा पूरे देश में ज़िला स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकें होंगी. हिंदू समाज के सभी समुदाय और प्रमुख लोग एक साथ आकर कुरीतियों को दूर करें, सद्भाव बना रहे, इसका प्रयास करेंगे. सभी जिला केंद्रों पर अक्टूबर के बाद प्रमुख नागरिक गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा. युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम होंगे.
आरएसएस नेता ने बताया कि सरसंघचालक के साथ चार शहरों में विशेष संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. ये कार्यक्रम दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में होंगे. इनमें समाज के प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया जाएगा. इससे पहले 2018 में ऐसा आयोजन दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ था. उन्होंने बताया कि मार्च 2025 से अब तक 28 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने आरएसएस से जुड़ने के लिए अपने नाम दर्ज कराए हैं.
आरएसएस नेता सुनील आंबेकर ने ब्रीफिंग के दौरान कई प्रमुख मुद्दों पर पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए. जातीय जनगणना के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सामाजिक सद्भाव का कार्यक्रम है. संघ पहले ही कह चुका है कि योजनाओं के लिए जो भी जानकारी चाहिए, वह होनी चाहिए. बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति के सवाल पर उनका कहना था कि ऐसी कोई चर्चा यहां नहीं होती. बिहार में मतदाता सूची के रिवीजन को उन्होंने सामान्य प्रक्रिया बताया.
कुछ पक्षों द्वारा संघ पर प्रतिबंध की मांग उठाने के सवाल पर आंबेकर ने कहा कि हमारा एक सामाजिक संगठन है. बड़ी संख्या में लोग संघ का समर्थन कर रहे हैं. कांवड यात्रा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई बड़े धार्मिक आयोजन होते हैं. सामाजिक सौहार्द बना रहे, इसका प्रयास करते रहना चाहिए.