मुंबई के छात्र और शिक्षक चाहते हैं ट्रेन में सफर करने की अनुमति, 15 फरवरी से शुरू हो रहे हैं कॉलेज

महाराष्ट्र में जहां 15 फरवरी से सभी कॉलेजों को दोबारा शुरू करने के आदेश राज्य सरकार ने दिए हैं, तो वहीं जो छात्र और शिक्षक दूर दराज़ इलाकों से कॉलेज आते हैं, वो सरकार से ट्रेन में सफर करने की अनुमति मांग रहे हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:

महाराष्ट्र में जहां 15 फरवरी से सभी कॉलेजों को दोबारा शुरू करने के आदेश राज्य सरकार ने दिए हैं, तो वहीं जो छात्र और शिक्षक दूर दराज़ इलाकों से कॉलेज आते हैं, वो सरकार से ट्रेन में सफर करने की अनुमति मांग रहे हैं. इनका कहना है कि बस से सफर करने में समय और पैसे, दोनों की बर्बादी होती है.

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पिछले 8 महीनों से महाराष्ट्र के कॉलेजों की पढ़ाई ऑनलाइन जारी है, लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार ने 15 तारीख से कॉलेज को शुरू करने के आदेश दिए हैं. इस आदेश से जहां उन लोगों को बहुत फायदा होगा जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, तो वहीं आमतौर पर छात्र मुंबई और आसपास के इलाकों में लोकल से सफर करते थे. जिस समय उनके कॉलेज शुरू होंगे, उस समय आम लोगों को मुंबई लोकल में सफर करने की इजाज़त नहीं है. ऐसे में यह छात्र सरकार से लोकल में सफर करने की अनुमति देने की मांग कर रहे है. कई छात्रों को 30 से 40 किलोमीटर का सफर तय कर कॉलेज जाना पड़ता है.

छात्र विकास पाटेकर ने कहा, ''कॉलेज का मेरा फील्डवर्क अंबरनाथ में होता है. अगर मुझे 9 बजे वहां पहुंचना है, तो सुबह 6 बजे बस से सफर करना पड़ेगा, और दो से तीन घंटे मुझे पहुंचने में लगेंगे, जबकि ट्रेन से मैं जल्दी पहुंच जाऊंगा.''

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एक और छात्र सौरभ शिंदे ने कहा, ''सबसे अच्छा तरीका लोकल ट्रेन है कॉलेज जाने के लिए, लेकिन आम आदमी सुबह 7 बजे से पहले और दोपहर 12 के बाद सफर कर सकता है. लोकल से सफर नहीं कर पाने के लिए हमें बस लेना पड़ता है और उसमें बहुत पैसा खर्च होता है.''

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छात्र सर्वेश काले ने कहा, ''ट्रेन से मैं 20 रुपये में कॉलेज पहुंचता हूं, जबकि बस से मुझे 50 से 60 रुपये एक तरफ के लगेंगे जो हमारी जेब पर भारी पड़ता है.''

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मुंबई में फिलहाल आम आदमी सुबह 7 बजे से और दोपहर 12 से 4 बजे के बीच और रात 9 बजे के बाद सफर कर सकता है. ऐसे में केवल छात्र ही नहीं, बल्कि शिक्षक भी इसकी मांग कर रहे हैं और शिक्षकों के संघटन ने इसे लेकर प्रशासन को एक पत्र भी लिखा है, साथ ही आरोप लगाया है कि कॉलेज शुरू करने के लिए प्रशासन ने कोई तैयारी नहीं की है.

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BUCTU के जनरल सेक्रेटरी मधु परांजपे ने कहा, ''6 दिन में कॉलेज शुरू होने हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी ने कोई तैयारी नहीं की है, ना ही उन्होंने कोई मीटिंग बुलाई है.'' शिक्षकों और छात्रों की ओर से की जाने वाली मांग के बाद अब राज्य सरकार रेलवे अधिकारियों से बात कर जल्द से जल्द इन्हें अनुमति देने की बात कर रहे हैं. 

शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा, ''थोड़ा एमी में बदलाव की कोशिश की जा रही है और आज शाम को यूनिवर्सिटी, प्रशासन और लोकल के बीच बातचीत कर कोई रास्ता निकालने की कोशिश की जाएगी.''

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