"पेपर लीक रोकने के लिए बनाए जाएंगे सख्त कानून": सीएम योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "परीक्षाओं के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज अथवा ट्रैक रिकॉर्ड वाले ख्याति प्राप्त सुविधा सम्पन्न वित्त पोषित शैक्षिक संस्थानों को ही सेंटर बनाया जाए".

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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक के दौरान कहा कि सरकार पेपर लीक रोकने के लिए नया कानून लेकर आएगी और इसमें कठोरता से कार्रवाई किए जाने का भी प्रावधान शामिल होगा. पेपल लीक और सॉल्वर गैंग से संबंधित लोगों पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी. सीएम योगी ने कहा कि इस तरह के प्रकरणों में अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कठोर कानून लाया जाएगा. 

उन्होंने कहा, "चयन आयोगों से अपेक्षा है कि वह भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेण्डर समय से जारी करें और उसका अनुपालन करें. कैलेण्डर के अनुसार परीक्षा न होने से अभ्यर्थियों को असुविधा होती है, इसका ध्यान रखा जाए. सभी चयन आयोग परस्पर समन्वय से यह सुनिश्चित करें कि एक दिन में एक ही परीक्षा आयोजित की जाए. कतिपय पदों के लिए शैक्षिक अर्हता निर्धारण में 'समकक्ष योग्यता' के सम्बन्ध में विसंगतियों की सूचना प्राप्त हुई है. सम्बन्धित विभाग द्वारा प्रकरण का समाधान कर आयोग को सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए."

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "चयन परीक्षाओं के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज अथवा साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ख्याति प्राप्त सुविधा सम्पन्न वित्त पोषित शैक्षिक संस्थानों को ही सेंटर बनाया जाए. सेंटर वहीं होंगे, जहां CCTV की व्यवस्था होगी. यह भी सुनिश्चित कराएं कि परीक्षा केंद्र नगरीय क्षेत्र में ही हों. परीक्षा केंद्र निर्धारण में महिलाओं और दिव्यांगों की अपेक्षाओं का ध्यान रखा जाए. यदि एडेड कॉलेज को सेंटर बनाया जाता है तो सम्बन्धित प्रबंधक परीक्षा व्यवस्था में कहीं से भी सम्मिलित न हो."

उन्होंने कहा, "हर पाली में 02 या अधिक पेपर सेट जरूर होने चाहिए. प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसी के माध्यम से कराई जानी चाहिए. पेपर कोडिंग को भी और व्यवस्थित करने की आवश्यकता है. तलाशी लेने के लिए महिला कर्मियों की तैनाती जरूर हो. शुचिता और गोपनीयता के दृष्टिगत चयन आयोगों को परीक्षा से पूर्व, परीक्षा के दौरान और परीक्षा के उपरान्त शासन स्तर के शीर्ष अधिकारियों तथा STF के सम्पर्क में रहना चाहिए."

योगी आदित्यनाथ ने कहा, "परीक्षाओं की शुचिता के सम्बन्ध में आवश्यक सुधार की यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव में लानी होगी. नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग द्वारा चयन आयोगों से सम्पर्क-संवाद कर यथाशीघ्र इसे लागू करा दिया जाए. नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की गई है, उसका उपयोग करें. सभी विभागों द्वारा नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजने से पूर्व नियमावली का सूक्ष्मता से परीक्षण कर लिया जाए. भर्ती प्रक्रिया में अनावश्यक विलम्ब न किया जाए".

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