केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के प्रशासन ने कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले और पत्थरबाजी (Jammu Kashmir Stone pelters) के केस में शामिल लोगों पर सख्ती करने का संकेत दिया है. प्रशासन ने कहा कि कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने वाले, पत्थरबाजी में शामिल और केंद्रशासित प्रदेश की सुरक्षा से जुड़े अन्य मामलों में आरोपियों को पासपोर्ट के लिए जरूरी सुरक्षा मंजूरी (Passport Verification) नहीं दी जाएगी. इस संबंध में जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया है. कश्मीर में पत्थरबाजों के लिए यह सर्कुलर बड़ा संदेश है.
जम्मू-कश्मीर सरकार, क्रिमिनल इनवेस्टीगेशन डिपार्टमेंट, स्पेशल ब्रांच कश्मीर की ओर से यह सर्कुलर जारी किया गया है. विभाग की ओर से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पासपोर्ट, अन्य सेवाओं या सरकार की किसी योजना या सेवा से जुड़े वेरिफिकेशन के मामले में यह नया दिशानिर्देश लागू होगा.
कानून-व्यवस्था के उल्लंघन, पत्थरबाजी के मामले या जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा से जुड़े अन्य मामलों का पूरा ख्याल रखा जाएगा और स्थानीय पुलिस स्टेशन से इसको लेकर समन्वय किया जाएगा. सीसीटीवी फुटेज, फोटोग्राफ, वीडियो और ऑडियो क्लिप जैसे इलेक्ट्रानिक साक्ष्य, जो पुलिस, सुरक्षा बलों और एजेंसियों के पास हैं, उनका भी संज्ञान लिया जाएगा. अगर कोई भी व्यक्ति इन मामलों में लिप्त है तो उसे सुरक्षा संबंधी मंजूरी नहीं दी जाएगी.
गौरतलब है कि पिछले एक डेढ़ साल में जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है. प्रशासन और पुलिस ने पत्थरबाजों को फंडिंग करने वाले स्थानीय और विदेशी तत्वों पर शिकंजा कसा है. पत्थरबाजों की मदद करने वाले अलगाववादी तत्वों पर भी सख्ती की गई है.