चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने सोमवार की शुरुआत एक ट्वीट के साथ की है, जिसमें बमुश्किल संकेत दिया गया है कि कांग्रेस पार्टी में शामिल होने और पार्टी में बदलाव के लिए कांग्रेस के साथ बातचीत टूटने के बाद अब उनका अगला कदम क्या होगा? पीके ने इशारों ही इशारों में नई पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं.
प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया है, 'अब मुद्दों और जन सुराज के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए 'रियल मास्टर' यानी जनता के पास जाने का समय आ गया है. शुरुआत बिहार से.''
पीके का यह संदेश ट्विटर पर कांग्रेस में शामिल होने के प्रस्ताव को खारिज करने के ऐलान के एक सप्ताह बाद आया है. पिछले संदेश में उन्होंने 2024 के आम चुनावों के लिए काम करने वाली कांग्रेस समिति के सदस्य के रूप में बोर्ड में आने के लिए कांग्रेस का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था. सूत्रों ने कहा कि 45 वर्षीय प्रशांत किशोर कांग्रेस में बड़े धमाकेदार बदलाव लाने के लिए फ्री हैंड चाहते थे, जिसे कांग्रेस ने खारिज कर दिया था.
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पीके की नई घोषणा से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि वह दोबारा अपने गृह राज्य बिहार की ओर मुखातिब हो रहे है हैं, जहां उनका सियासी आधार हो सकता है. चार साल पहले उनका संक्षिप्त राजनीतिक कार्यकाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल के साथ शुरू हुआ था. तब उन्हें जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था लेकिन 16 महीने बाद ही उन्होंने मतभेद के बाद पार्टी छोड़ दी थी.
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हालांकि, उन्होंने अपने ट्वीट में इस बात के संकेत स्पष्ट तौर पर नहीं दिए हैं और प्रशंसकों के उन अटकलों में उलझा दिया है कि क्या वह एक नई राजनीतिक पार्टी शुरू करेंगे या किसी एक विपक्षी गठबंधन में शामिल होंगे. सूत्रों ने बताया कि पीके ने राज्य का दौरा करने की योजना बनाई है और सत्तारूढ़ भाजपा-जनता दल यूनाइटेड गठबंधन से दूर ही रहेंगे क्योंकि उन्होंने नीतीश कुमार से मिलने से परहेज किया है. उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल पीके राज्यभर का दौरा करेंगे.