बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला : CBI ने पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा और पूर्व अध्यक्ष अशोक साहा को गिरफ्तार किया

पश्चिम बंगाल में शिक्षक की भर्ती में कथित अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को हटा दिया गया था.

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बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई ने की पहली गिरफ्तारी
नई दिल्ली:

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में CBI ने पहली गिरफ्तारी की है. CBI ने मामले की जांच के बाद SSC के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा और पूर्व अध्यक्ष अशोक साहा को गिरफ्तार किया है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में शिक्षक की भर्ती में कथित अनियमितताओं (Alleged irregularities in recruitment of teachers) के मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को हटा दिया गया था. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि एसएससी भर्ती घोटाले में आरोपी पार्थ चटर्जी 28 जुलाई से विभागों के प्रभारी मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों से मुक्‍त कर दिया गया है. 

गौरतलब है कि करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दो घरों से भारी मात्रा में नकदी और गहनों की ढेर सारी तस्‍वीरें सामने आने के बाद मंत्री पार्थ चटर्जी पिछले एक हफ्ते से सुर्खियों में हैं. तृणमूल कांग्रेस ने हालांकि शुरुआत में कहा था कि दोषी साबित होने तक वह चटर्जी को मंत्री पद से नहीं हटाएगी लेकिन अब पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है क्‍योंकि वह कथित भ्रष्‍टाचार का बचाव करने वाले के तौर पर नहीं दिखना चाहती. खासकर ऐसी स्थिति में जब बड़ी मात्रा में बरामद हुए नोटों को फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं. 

सूत्रों ने बताया था कि टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने उठाए जाने वाले अगले कदम पर चर्चा के लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की. राज्‍य के शिक्षा मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान स्‍कूल शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता को लेकर चटर्जी को पिछले सप्‍ताह गिरफ्तार किया गया था. मीडिया के इस सवाल कि क्‍या आप मंत्री के तौर पर पद छोड़ने पर विचार कर रहे हैं, चटर्जी ने जवाब दिया था, "मुझे इस्‍तीफा क्‍यों देना चाहिए. "

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गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्‍ता कुणाल घोष ने मीडिया से कहा था कि दोषी साबित होने तक पार्टी उन्‍हें (चटर्जी को) पद से नहीं हटाएगी.  हालांकि टीवी पर कैश के ढेर दिखाई देने के बाद घोष ने कहा था कि पार्टी ने सीनियर लीडर ने हम सभी को शर्मिंदा किया है. टीएमसी प्रवक्‍ता ने ट्वीट किया था कि चटर्जी को पार्टी से निष्‍कासित किया जाना चाहिए. वैसे बाद में घोष यह ट्वीट डिलीट कर दिया था और कहा था कि उन्‍होंने अपनी व्‍यक्तिगत राय जाहिर की थी. टीएमसी के मुखपत्र "जागो बांग्‍ला" ने अब चटर्जी का मंत्री या पार्टी के महासचिव के तौर पर नाम देना बंद कर दिया है हालांकि मुखपत्र की प्रिंटलाइन पर अखबार के तौर पर उनका नाम बरकरार है.  

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