कोलकाता. पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले (SSC Recruitment Scam) मामले में पार्थ चटर्जी ( Partha Chatterjee) मुख्य साजिशकर्ता होने के आरोप में जेल में बंद हैं. उन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान पार्थ चटर्जी मीडिया के सवालों से अपना आपा खो बैठे. जब एक मीडियाकर्मी ने उनसे पूछा कि क्या उनके खिलाफ आरोप सही थे. इसके जवाब में उन्होंने एक उंगली उठाई और जवाब दिया: "चुप रहो".
स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले में कथित भूमिका से संबंधित सीबीआई केस में पार्थ चटर्जी को कोलकाता के अलीपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व महासचिव कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति के दौरान काफी झल्लाए हुए थे.
पार्थ चटर्जी को इस साल जुलाई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. तब वह राज्य के उद्योग और वाणिज्य मंत्री थे. गिरफ्तारी के बाद ममता सरकार ने उनसे ये विभाग छीन लिए. सत्तारूढ़ टीएमसी ने चटर्जी को पार्टी से निलंबित भी कर दिया था. ईडी ने चटर्जी के साथ उनकी दोस्त अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया था. अर्पिता मुखर्जी के कई ठिकानों से भारी मात्रा में कैश और जेवर मिले थे.
सीबीआई ने अपने पहली चार्जशीट में पार्थ चटर्जी और एसएससी के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा समेत 16 आरोपियों को नामजद किया था. एक अलग चार्जशीट में ईडी ने अदालत में कहा कि अर्पिता मुखर्जी से करीब 100 करोड़ कैशन, ज्वेलरी और अन्य संपत्ति के रूप में बरामद हुए. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि यह राशि 150 करोड़ रुपये तक जा सकती है, क्योंकि जांच अभी जारी है.
ईडी ने आरोप लगाया कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी बड़ी रकम के बदले में राज्य प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में अवैध रूप से शिक्षण कार्य सौंपने की आपराधिक साजिश में शामिल होकर मनी लॉन्ड्रिंग में करते थे.
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