कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) जीडी वर्ष 2018 की भर्ती में नियुक्ति की मांग को लेकर बुधवार को देश भर से हजारों छात्र दिल्ली प्रदर्शन करने पहुंचे हैं. इनमें लगभग सभी छात्र बेहद गरीब परिवार से हैं. ये रात में बंगला साहब गुरूद्वारे में खा रहे हैं और फ़ुटपाथ पर सो रहे हैं. बिहार के मुंगेर जिले की रहने वाली 21 साल की प्रीति ने 2018 में SSC जीडी की परीक्षा पास कर मेडिकल भी क्लियर कर लिया था, लेकिन इसके तीन साल गुजर जाने के बाद भी नियुक्त पत्र नहीं मिला है. पिता मजदूरी करते हैं इसलिए दिल्ली में कहीं कमरा लेकर रहने की हैसियत नहीं है, इसलिए बंगलासाहब के लंगर में खाना खाकर बाहर फुटपाथ पर सोने के लिए मजबूर हैं. प्रिती ने कहा, "घर वाले बोलते रहते हैं वापस आ जाओ क्या करूं सरकार सुनने को तैयार नहीं है, पुलिस वाले लाठी मारते हैं, कल गुरुद्वारे में खाना खाया और चद्दर बिछा कर सो गए."
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यहां अपनी कहानी बताते बताते लगभग हर छात्र भावुक हो जाता है. न तो किसी की जेब में इतना पैसा है और न घर वालों के पास इतना पैसा कि इनको आगे और पढ़ा सकें.
एसएससी जीडी अभ्यार्थी प्रदीप पांडे ने कहा, "रोएं नहीं तो क्या करें बस वर्दी पहनने का सपना है यहां 11 महीने से जूते घिस रहे हैं." एसएससी जीडी अभ्यार्थी मनराज ने कहा, "घर वालों ने मुझे पढ़ाने के लिए जमीन गिरवी रख दी. यहां जमीन भी नहीं बची है कि खेती कर लूं, घर वाले कहते हैं जहर खा ले."
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दरअसल 2018 में एसएससी जीडी की लगभग 60000 भर्तियां आईं जिसमें लगभग 1 लाख बच्चों ने लिखित, शारीरिक और मेडिकल परीक्षा पास की जिसमें मात्र 55000 बच्चों को लिया गया और इस प्रक्रिया में तीन साल का वक्त लग गया जिस वजह से ज्यादातर बच्चे ओवर age हो गए. इस दस्तावेज के मुताबिक अब भी 5000 पद रिक्त हैं फिर भी इन बच्चों का चयन नहीं हो रहा. यहां तक कि केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद रॉय संसद में कह चुके हैं कि अब भी एक लाख पद खाली हैं.
गृहराज्य मंत्री नित्यानंद रॉय ने कहा, "अब भी एक लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं, हम जल्द इन्हें भरेंगे."
Video: फुटपाथ पर सोने के लिए मजबूर हैं एसएससी जीडी भर्ती के परीक्षार्थी