बालाकोट में हमला करने वाली स्कवाड्र्न ने लंबी दूरी के हमले का किया अभ्यास: सूत्र

एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (Air Chief Marshal RKS Bhadauria) ने भी बालाकोट एयर स्ट्राइक की वर्षगांठ  पर लड़ाकू विमानों की उड़ान के दस्ते में शामिल हुए

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Balakot Airstrike की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर यह अभ्यास किया गया
नई दिल्ली:

Balakot airstrike 2nd Anniversary: दो साल पहले पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों के अड्डे तबाह करने वाली वायुसेना के पायलट की टुकड़ी ने लंबी दूरी के हमले का अभ्यास किया है. सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी है. यह अभ्यास हाल ही में किया गया, जो 26 फरवरी को बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के ठिकानों पर किए गए हमले की दूसरी वर्षगांठ के करीब में किया गया है.

वायु सेना (IAF) प्रमुख आरकेएस भदौरिया (Air Chief Marshal RKS Bhadauria) ने कई लड़ाकू विमानों के दस्ते में एक फाइटर जेट उड़ाया. गौरतलब है कि वायुसेना के 12 मिराज 2000 विमानों ने बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के कैंप पर मिसाइलें दागी थीं, जो नियंत्रण रेखा से 80 किलोमीटर दूर थी.

मिराज 2000 (Mirage 2000 ) लंबे समय से वायुसेना का पसंदीदा लड़ाकू विमान रहा है, जो कई उद्देश्यों में इस्तेमाल किया जा सकता है. मल्टीरोल फाइटर जेट मिराज ने कारगिल युद्ध के दौरान 1999 में भी पहाड़ी इलाकों में दुश्मनों के बंकरों पर लेजर गाइडेड बम गिराए थे.वायुसेना के मिराज विमानों ने पांच स्पाइस 2000 ग्लाइड बम बालाकोट में लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा था.

हालांकि हवा से सतह पर मार करने वाली इजरायली मिसाइल क्रिस्टल मेज जो बम दागे जाने का लाइव वीडियो मुहैया कराती, उसे लांच नहीं किया गया था. क्रिस्टल मेज से अलग स्पाइस 2000 ग्लाइड बम को संयोजित नहीं किया गया था कि एयरक्राफ्ट से लांच करने के बाद वे लक्ष्य की ओर बढ़ते समय का लाइव वीडियो फीड मुहैया कराएं. वायुसेना सूत्रों का कहना है कि स्पाइस 2000 बम सभी सॉफ्ट स्किल टारगेट को जबरदस्त दबाव पैदा करने के साथ धमाके में मार देता है. इसका मकसद मुख्यतया किसी ढांचे को ध्वस्त करना नहीं होता है. 

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