भारत में क्या होगी रूस की कोरोना वैक्सीन Sputnik V की कीमत?

Sputnik V Vaccine Price: भारत के ड्रग रेगुलेटर 'ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया' (DCGI) ने देश में उपयोग के लिए रूसी स्पुतनिक वी (Sputnik V) वैक्सीन को मंजूरी देने के बावजूद, अभी भी सरकार द्वारा वैक्सीन की खरीद की जाने वाली कीमत पर कोई फैसला नहीं किया है.

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Sputnik V के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

भारत के ड्रग रेगुलेटर 'ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया' (DCGI) ने देश में उपयोग के लिए रूसी स्पुतनिक वी (Sputnik V) वैक्सीन को मंजूरी देने के बावजूद, अभी भी सरकार द्वारा वैक्सीन की खरीद की जाने वाली कीमत पर कोई फैसला नहीं किया है. रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के साथ इसकी कीमत को लेकर निष्कर्ष निकाला जाना बाकी है. भारत में स्पुतनिक वी की कीमत को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन माना जा रहा है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) की कीमत 2 डॉलर प्रति डोज से इसकी कीमत मेल नहीं खाएगी. भारत सरकार इसी दाम में कोविशील्ड की खरीद कर रही है. कोविशील्ड का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कर रही है.

RDIF के CEO किरील दिमित्रीव ने NDTV से खास बातचीत में कहा, 'अन्य बाजारों में स्पुतनिक वी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से महंगी है और मुझे उम्मीद नहीं है कि हम उस मूल्य को प्राप्त कर सकते हैं, जो हमारी उत्पादन प्रक्रिया को दिया गया है.'

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वर्तमान समय में अन्य बाजारों में स्पुतनिक वी वैक्सीन की कीमत करीब 10 डॉलर प्रति डोज है. किरील दिमित्रीव ने कहा कि सभी देशों के लिए वैक्सीन की कीमत समान होगी. भारत समेत 60 देशों में रूस की वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है. कई देशों को यह भिजवाई जा चुकी है.

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दिमित्रीव ने कहा कि हम समझते हैं कि भारत सरकार द्वारा कीमत को मुनासिब रखने को लेकर कुछ आयाम हैं. सरकारी अनुबंधों और प्राइवेट मार्केट के लिए अलग-अलग कीमत है. वैक्सीन को लेकर बड़ा मुनाफा कमाना मकसद नहीं है लेकिन हां इसकी लागत तो वापस मिलनी चाहिए. हमारा मकसद है कि दुनिया को वैक्सीन मिले.

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बताते चलें कि भारत के पास कोरोनावायरस (Coronavirus) के खिलाफ तीन वैक्सीन उपलब्ध हो गई हैं. देश में इस वैक्सीन को पांच फार्मा कंपनियां तैयार करेंगी और एक साल में कुल 850 मिलियन डोज बनाए जाएंगे. फिलहाल अप्रैल के अंत तक वैक्सीन की सीमित खुराक उपलब्ध हो जाएंगी.

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दिमीत्रीव ने कहा, 'हमें लगता है कि पहले फेज की डोज अप्रैल के अंत तक और मई की शुरुआत तक तो बिल्कुल डिलीवर कर दी जाएगी और आपको पता होगा भारत में पांच फार्मा कंपनियों से समझौता हुआ है, जो डोज प्रोड्यूस करेंगे. हालांकि, अभी प्रोडक्शन बढ़ाने में एक-दो महीने का समय लगेगा. हमें लगता है कि जून तक भारत में हमारी प्रोडक्शन क्षमता काफी अच्छी होगी और हम भारत में टीकाकरण अभियान में काफी अहम साबित होंगे.'

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