प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट (SpiceJet) ने संकटग्रस्त गो फर्स्ट एयरलाइन (Go First Carrier) को खरीदने के लिए बिजी बी एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ संयुक्त बोली जमा (Bid) की है. स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह ने कहा, "शुक्रवार को दायर की गई बोली भारतीय विमानन क्षेत्र के परिदृश्य को नया आकार देने की क्षमता वाला एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है." स्पाइसजेट एयरलाइन ने यह भी कहा कि गो फर्स्ट के अधिग्रहण के लिए बोली अजय सिंह के व्यक्तिगत क्षमता में लगाई गई है. इसका मतलब ये है कि इसमें स्पाइसजेट की भूमिका नहीं होगी.
अधिग्रहण की शर्तों के तहत स्पाइसजेट नई एयरलाइन के लिए ऑपरेटिंग पार्टनर रहेगी. स्पाइसजेट इसके साथ ही स्टाफ, सर्विस और इंडस्ट्री एक्सर्टिज (विशेषज्ञता) मुहैया कराएगी. इस सौदे से स्पाइसजेट महत्वपूर्ण अपने रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर औप ऑपरेशनल क्षमताओं का फायदा उठाने की उम्मीद करेगी.
इस खबर से स्पाइसजेट के शेयरों को बहुत फायदा हुआ. एयरलाइन के शेयरों में 7 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल आया. शुक्रवार दोपहर 3.50 बजे स्पाइसजेट के शेयरों में 11 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई.
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एक समय भारत की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन रही स्पाइसजेट ने गो फर्स्ट के रीफाइनेंसिंग प्लान के तहत अब तक 744 करोड़ रुपये जुटाए हैं. स्पाइसजेट के पास पहले से ही QIP के जरिए 2500 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी है.
पिछले साल दिसंबर में स्पाइसजेट ने कहा था कि दिवालिया एयरलाइन के साथ सहयोग से एक एयरलाइन बनाने के लिए गो फर्स्ट के अधिग्रहण की कोशिश की जाएगी. हाल ही में गो फर्स्ट के अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करने की डेडलाइन 60 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है.
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हालांकि, ऋणदाता हाल ही में नए निवेशकों को सुरक्षित करने में नाकाम रहने के बाद एयरलाइन को खत्म करने पर विचार कर रहे हैं. गो फर्स्ट ने दिवालियापन संरक्षण के आवेदन में लेनदारों के बीच सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक और डॉयचे बैंक की लिस्ट है.
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