मथुरा में बनने जा रहे बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर में क्या होगा खास? यहां जानिए

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के बनने पर 10 हजार श्रद्धालु मंदिर परिसर में ठहर सकेंगे. मंदिर के चारो तरफ बनने वाला कॉरिडोर दो मंजिल का होगा.

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बांके बिहारी मंदिर तक पहुंचने के तीन रास्ते होंगे.

काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर मथुरा में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को भी बनाने की तै़यारी हो रही है. बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर में कई मायनों में खास होगा. जानकारी के मुताबिक बांके बिहारी मंदिर तक पहुंचने के तीन रास्ते होंगे, एक रास्ता जुगलघाट से सीधा मंदिर और दूसरा रास्ता विद्यापीठ चौराहे से होगा. जबकि तीसरा रास्ता जादौन पार्किंग से आएगा. 5 एकड़ क्षेत्रफल में बांके बिहारी कॉरिडोर बनेगा. हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद संस्थान बनने का रास्ता खुला है.

10 हजार श्रद्धालु मंदिर परिसर में ठहर सकेंगे

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के बनने पर 10 हजार श्रद्धालु मंदिर परिसर में ठहर सकेंगे. मंदिर के चारो तरफ बनने वाला कॉरिडोर दो मंजिल का होगा. प्रवेश परिसर का निचला तल 11300 वर्गमीटर का होगा. 800 वर्गमीटर में पूजा सामग्री की दुकानें होंगी. वहीं 800 वर्गमीटर में कान्हा की लीलाओं के चित्रों का गलियारा होगा, 5113 वर्गमीटर क्षेत्र खुला रखा जाएगा.

कॉरिडोर को कोर्ट की तरफ से मिल चुकी है हरी झंडी

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार को बांके बिहारी मंदिर के गलियारे के निर्माण को हरी झंडी मिल चुकी है और जनहित याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 31 जनवरी, 2024 की तिथि निर्धारित की. मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने आनंद शर्मा और मथुरा के एक अन्य व्यक्ति की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया.

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सरकार ने दिया था ये आश्वासन

इससे पूर्व, राज्य सरकार ने अदालत को मंदिर क्षेत्र को गलियारा के तौर पर विकसित करने की जानकारी दी थी जिसमें श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन पूजन की सुविधा के लिए मंदिर के आसपास करीब पांच एकड़ जमीन खरीद की बात भी शामिल है. सरकार ने आश्वासन दिया है कि गोस्वामी परिवार द्वारा की जाने वाली पूजा -अर्चना या श्रृंगार में वह किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी और सेवायतों को जो भी अधिकार हैं, वे यथावत बने रहेंगे.

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श्रीकृष्ण जन्मस्थान को लेकर क्या है विवाद

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान विवाद खासा पुराना है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में एडवोकेट कमिश्नर के सर्वे को लेकर सुनवाई पूरी हो चुकी है. लेकिन आर्डर फिलहाल रिजर्व कर रखा है. दरअसल श्रीकृष्ण जन्मस्थान के 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा है. इसमें 10.9 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास और 2.5 एकड़ जमीन का हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. हिंदू पक्ष का कहना है कि इसका ग्यानवापी की तरह सर्वे हो और पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान को दिया जाए. इसी को लेकर मामला कोर्ट में है. अब तक 16 वाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में दाखिल किया गया है.

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