स्पेस स्टार्टअप Agnikul Cosmos शुक्रवार को अपने सब-ऑर्बिटल रॉकेट को करेगा लॉन्च, तैयारी पूरी

अग्निकुल कॉसमॉस प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक मोइन एसपीएम ने बताया है कि अग्निबाण SOrTeD एक सेमी-क्रायोजेनिक इंजन द्वारा संचालित होगा.

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नई दिल्ली:

भारतीय स्पेश स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमास (Agnikul Cosmos) अपना रॉकेट अग्निबाण एसओआरटीईडी (Agnibaan SORTED) शुक्रवार को लॉन्च करेगा. इसे लेकर पूरी तैयारी कर ली गयी है. इस रॉकेट का वजन 580 किलोग्राम है. यह श्रीहरिकोटा से उड़ान भरेगा और बंगाल की खाड़ी में गिरेगा. पहली उड़ान में बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले यह पृथ्वी से केवल 20 किलोमीटर ऊपर तक ही जाएगा. यह अपने साथ 7 किलोग्राम पेलोड लेकर जा सकता है. 

भारत में पहली बार हो रहा है परीक्षण
अग्निकुल कॉसमॉस प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक मोइन एसपीएम ने बताया है कि अग्निबाण SOrTeD एक सेमी-क्रायोजेनिक इंजन द्वारा संचालित होगा जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध टरबाइन ईंधन या मेडिकल ग्रेड लिक्विड ऑक्सीजन का उपयोग करता है. गौरतलब है कि इसरो ने इससे पहले कभी भी सेमी-क्रायोजेनिक इंजन से प्रक्षेपन नहीं किया है. पिछले साल 3 जुलाई को स्थिर अवस्था में इसे लेकर परीक्षण किया गया था. यह ऐसा प्रयास है जो अब तक भारत में कभी नहीं किया गया था. 

कंपनी की तरफ से क्या कहा गया है? 
कंपनी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि अग्निबाण SOrTeD (सबऑर्बिटल टेक डिमॉन्स्ट्रेटर) एक सिंगल स्टेज लॉन्च यान है.  जो अग्निकुल के पेटेंट अग्निलेट इंजन द्वारा संचालित है. यह पूरी तरह से सेमी -क्रायोजेनिक इंजन से काम करेगा. अग्निबाण SOrTeD वर्टिकल उड़ान भरेगा और  पूर्व निर्धारित ट्रेजेटरी पर चलेगा.हम श्रीहरिकोटा से इसे लॉन्च करने के लिए तैयार हैं. 

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र के अध्यक्ष डॉ. पवन गोयनका ने कहा कि अग्निकुल भारतीय प्राइवेट सेक्टर द्वारा पहला सेमी-क्रायोजेनिक और 3डी प्रिंटेड इंजन का परिक्षण करने जा रहा है.डॉ. गोयनका ने कहा कि जब भारत के स्टार्ट अप्स द्वारा वाणिज्यिक लॉन्च शुरू किए जाएंगे तो यह साहसिक इनोवेशन एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. 

अंतरिक्ष स्टार्ट-अप के एक अन्य सह-संस्थापक श्रीनाथ रविचंद्रन ने कहा है कि यह प्रक्षेपण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक निजी लॉन्च पैड से भारत का पहला प्रक्षेपण है और रॉकेट में दुनिया का पहला सिंगल पीस 3डी प्रिंटेड इंजन है जिसे स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है. 

कंपनी की तरफ निवेशकों का बढ़ा है आकर्षण
भारत में पहली बार अग्निकुल को पूरी तरह से अपनी स्वामित्व वाले विशेष लॉन्च पैड बनाने की अनुमति दी गई है.यह  लॉन्च पैड श्रीहरिकोटा में समुद्र के पास बनाया गया है.  यह भारतीय अंतरिक्ष कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए ISRO के बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है. अग्निकुल की तरफ निवेशकों का आकर्षण भी देखने को मिला है.  कंपनी में 40 मिलियन डॉलर का निवेश अब तक हो चुका है. कंपनी के पास 250 सदस्यों की टीम है.

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