बुर्केवाली महिलाओं की जांच आंगनवाड़ी से कराई जाएं...चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी में समाजवादी पार्टी

निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपने निर्देश को सख्ती से लागू करने और आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों में भी इसे लागू करने की मांग की है.

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  • सपा ने चुनाव आयोग से बुर्केवाली महिला मतदाताओं की पहचान आंगनवाड़ी सेविकाओं से कराने की मांग की है
  • सपा ने चुनाव आयोग के नए निर्देश को भारत निर्वाचन आयोग के नियमों के खिलाफ बताया है और वापस लेने की मांग की है
  • आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव में बुर्क पहनने वाली महिलाओं के पहचान संबंधी निर्देश सख्ती से लागू किए हैं
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नई दिल्ली:

सपा ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख मांग की है कि बुर्केवाली महिला मतदाताओं की पहचान आंगनवाड़ी सेविकाओं से कराई जाएं. चिट्ठी में मांग की गई है कि जांच के बाद ही बुर्केवाली महिला मतदाता को मतदान करने संबंधित नए निर्देश वापस लिए जाएं. जिससे, देश में पारदर्शी स्वतंत्र भयमुक्त निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न हो सकें. निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपने निर्देश को सख्ती से लागू करने और आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों में भी इसे लागू करने की मांग की है.

सपा ने क्या कुछ कहा

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन भेजा है. चिट्ठी में दावा किया गया है कि मुख्य चुनाव आयुक्त का नया निर्देश भारत निर्वाचन आयोग के नियमों के ख़िलाफ़ है, क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग की रिटर्निंग ऑफ़िसर्स के लिए बनी हैंड बुक के पेज संख्या-143 के पैराग्राफ 13.6.9 में मतदान के दिन मतदान अधिकारी को मतदाता की आईडी की जांच करने का अधिकार दिया गया है.

ज्ञापन में क्या-क्या लिखा गया

ज्ञापन में कहा गया है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भारत निर्वाचन आयोग के नियमों के ख़िलाफ़ जाकर नया निर्देश जारी किया है जो आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर रहा है. इस नये नियम से देश में एक विशेष सम्प्रदाय के मतदाताओं को निशाना बनाया गया है यह अलोकतात्रिक और असंवैधानिक है. चुनाव आयोग का फैसला गलत है, नया निर्देश एक विशेष सम्प्रदाय को निशाना बनाने वाला है.

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