दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने मंगलवार को मार्शल लॉ का ऐलान कर दिया है. यूं ने कहा कि देश को उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों से बचाने और राज्य विरोधी तत्वों को खत्म करने के लिए यह कदम जरूरी है. राष्ट्रपति ने कहा, "उत्तर कोरिया समर्थक ताकतों को देश से हटाने और उदार संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए ये फैसला लिया गया."
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने एक टेलीविजन ब्रीफिंग में कहा कि उनके पास मार्शल लॉ का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. हालांकि, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने ये नहीं बताया कि मार्शल लॉ के तहत कौन-कौन से बैन लगाए जाएंगे या क्या खास नियम लाए जाएंगे.
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विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति की ओर से मार्शल लॉ की घोषणा के ठीक बाद देश की विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपने सांसदों की एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में राष्ट्रपति की ओर से उठाए गए कदमों और सरकार की ओर से लगाए जाने वाले प्रतिबंधों को लेकर भी चर्चा होगी.
विपक्ष ने जताया विरोध
दक्षिण कोरिया की न्यूज एजेंसी 'योनहाप' की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया की विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्युंग ने कहा है कि मार्शल लॉ की घोषणा असंवैधानिक है. दूसरी ओर से यह भी दावा किया जा रहा है कि सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी के प्रमुख हान डोंग-हून ने भी मार्शल लॉ को गलत बताते हुए इसे रोकने की कसम खाई है.
राष्ट्रपति ने महाभियोग से बचने के लिए अपनाया हथकंडा
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्शल लॉ लगाने का ऐलान डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ कोरिया के नेतृत्व वाले विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति यून पर सत्ता के कथित दुरुपयोग पर महाभियोग चलाने की मांग के एक महीने किया गया है. विपक्ष का कहना था कि मार्शल लॉ लगा कर राष्ट्रपति महाभियोग से बचना चाहते हैं. विपक्षी नेता ली जे-म्युंग ने इसके दुरुपयोग की ऐतिहासिक मिसालों की ओर इशारा करते हुए चेतावनी दी कि मार्शल लॉ 'पूर्ण तानाशाही' को जन्म दे सकता है.
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