रक्तदान (Blood Donation) के लिए स्वयंसेवकों का पंजीकरण जल्द ही को-विन पोर्टल (Co-WIN portal) पर सक्षम किया जाएगा. अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि स्वयंसेवक पोर्टल पर या आरोग्य सेतु (Arogya Setu) मोबाइल एप्लिकेशन पर नजदीकी ब्लड बैंकों (Blood Banks) के साथ-साथ आगामी रक्तदान शिविरों की सूची के के बारे में जान सकेंगे. यह पहल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस से पहले रक्तदान को बढ़ावा देने और इसको लेकर जागरूकता पैदा करने के केंद्र के प्रयासों का हिस्सा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ई-रक्तकोश, रक्त केंद्र या प्रयोगशाला इंटरफेस के रूप में काम करेगा. सभी ब्लड बैंकों को ई-रक्तकोश पर रजिस्ट्रेशन करने को कहा गया है. रक्तदान पूरा होने के बाद ब्लड बैंक द्वारा ई-रक्तकोश पोर्टल पर रक्तदान प्रमाण पत्र तैयार किया जाएगा और आरोग्य सेतु के माध्यम से स्वयंसेवक को उपलब्ध कराया जाएगा.
एक अधिकारिक बयान के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने विश्व रक्तदाता दिवस की तैयारियों की समीक्षा के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने उनसे नियमित, गैर-पारिश्रमिक, स्वैच्छिक रक्तदान की आवश्यकता पर जागरूकता बढ़ाने का आग्रह किया.
राजेश भूषण ने पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने और सुरक्षित रक्त दान के लिए सार्वभौमिक और समय पर पहुंच प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध, साल भर रक्तदान की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने एक स्थायी और लचीली राष्ट्रीय रक्त प्रणाली के निर्माण करने की बात कही. उन्होंने कहा कि हर किसी को रक्तदान की आवश्यकता है. देश को स्वैच्छिक, अवैतनिक रक्त दाताओं की आवश्यकता है जो नियमित रूप से रक्तदान करें.
इस वर्ष विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून को मनाया जा रहा है. इस वर्ष के विश्व रक्तदाता दिवस के लिए अभियान का नारा है "रक्तदान एकजुटता का कार्य, प्रयासों में शामिल हों और जीवन बचाएं".
भूषण ने कहा कि राज्यों को अधिकतम रक्त संग्रह के साथ-साथ रक्तदाताओं का अधिकतम पंजीकरण करना चाहिए (क्योंकि एकत्रित रक्त की शेल्फ लाइफ 35-42 दिन है). ब्लॉक, जिला और ग्राम पंचायत स्तर पर "सरपंच" (ग्राम प्रधान) द्वारा रक्त दाताओं को समारोहों में सम्मानित करना चाहिए.
जिला कलेक्टर या जिला मजिस्ट्रेट जिलों में गतिविधियों की निगरानी करेंगे. यह भी सुझाव दिया गया कि रक्तदान के लिए शपथ समारोह के आयोजनों के साथ-साथ यह आयोजन डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी किए जा सकते हैं.
बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों से लोगों को उनके रक्त समूह को जानने में मदद करने का भी आग्रह किया, जो आपात स्थिति में रक्तदान के उद्देश्य से उपयोगी होगा.