कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार ने उन बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का अनुरोध किया है जिनके माता-पिता या अभिभावक का कोरोना महामारी के कारण निधन हो गया है. सोनिया ने एक लेटर में लिखा है कि ऐसे बच्चों को सरकार के फ्लैगशिप स्कूल नेटवर्क-जवाहर नवोदय विद्यालय में फ्री में पढ़ने की इजाजत दी जानी चाहिए. सोनिया का यह पत्र उनके बेटे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया है. सोनिया के हस्ताक्षरित और पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधत लेटर में लिखा गया है, 'मुझे लगता है कि एक राष्ट्र के तौर पर हमें उन्हें भविष्य के प्रति उम्मीद बंधानी चाहिए.' सोनिया ने लिखा, 'छोटे बच्चों के कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता या किसी एक के गंवाने की खबरें बेहद मार्मिक हैं. यह बच्चे सदमे की स्थिति में हैं और भविष्य में शिक्षा को लेकर कोई सपोर्ट नहीं है.'
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने वर्ष 1986 में प्रयोग के तौर पर जवाहर नवोदय विद्यालयों को प्रारंभ किया था और इसी वर्ष राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थान दिया था. जवाहर नवोदय विद्यालयों ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान बच्चों को आवासीय स्कूल सिस्टम के तहत शिक्षा प्रदान करता है. नवोदय विद्यालय समिति इसका संचालन करती है. गौरतलब है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल ने भी हाल ही में कोरोना महामारी में माता पिता को खोने वाले बच्चों को 2500 रुपये प्रति माह और मुफ्त शिक्षा देने का ऐलान किया है.
सीएम केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की थी. सीएम केजरीवाल ने कहा था कि कोरोना से जिनकी मौत हुई, उनके परिवार को 50 हज़ार का मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा जिस परिवार में कमाने वाले व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई, उस परिवार को ₹50000 मुआवजे के साथ साथ 2500 रुपये महीना पेंशन दी जाएगी. ऐसे बच्चे जिनके मां-बाप, दोनों की मौत हो गई चाहे कोरोना से मौत, यानी दोनों में से किसी एक की कोरोना से मौत हुई उनके बच्चों को हर महीने 2500 रुपये, 25 साल तक मिलेंगे. इसके अलावा शिक्षा का सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी.