सोनिया गांधी, राहुल गांधी, जॉर्ज सोरोस और UAPA... जानिए संसद का घमासान किस ओर

Sonia Gandhi Rahul Gandhi George Soros Row: संसद में घमासान छिड़ा हुआ है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर बीजेपी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. जानिए आरोपों की गंभीरता...

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Parliament Ruckus: संसद में लगातार जॉर्ज सोरोस से राहुल गांधी और सोनिया गांधी के संबंधों को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है.

Sonia Gandhi Rahul Gandhi George Soros Row: बीजेपी लगातार सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भारत विरोधी जॉर्ज सोरोज से संबंधों को लेकर आरोप की कड़ियां जोड़ रही है. इसमें वरिष्ठ वकील महेश जेठ मलानी ने आज और गंभीर मांग कर दी. जेठ मलानी की मांग है कि भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर सोनिया गांधी पर UAPA लगाया जाना चाहिए. साथ ही एनआईए इसकी जांच करे.राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा संसद में पहले ही सोरोस से गांधी परिवार के संबंधों को उठा चुके हैं. राज्यसभा में उन्होंने कहा, 'दो दिनों से हमारे लोग इस बात को उठा रहे हैं कि सोरोस और सोनिया गांधी का क्या संबंध है? यह देश के आंतरिक और बाह्य सुरक्षा का सवाल है.' बीजेपी ने संसद से सड़क तक कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं.केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आज सोनिया गांधी और जॉर्ज  सोरोस को लेकर आरोप लगाया कि कांग्रेस जवाब दे कि उनका आपस में क्या संबंध है? संसद भवन परिसर में केंद्रीय मंत्री ने दोनों के फोटो भी दिखाए.

BJP का आरोप नंबर एक 
सोनिया और राहुल की मिलीभगत देश विरोधी ताकतों से है, जिनमें अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस शामिल हैं.

BJP का आरोप नंबर दो 
सोनिया गांधी उस FDL-AP की सह अध्यक्ष हैं, जिसको फंड सोरोस फाउंडेशन से मिलता है.

BJP का आरोप नंबर तीन 
सोनिया-राहुल का संबंध उस सोरोस से है, जो कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानता.

BJP का आरोप नंबर चार 
सोनिया-राहुल पर बीजेपी का आरोप है कि भारत विरोधी ताकतों से इनका संबंध इन्हें भारत विरोधी साबित करता है.

BJP का आरोप नंबर पांच 
सोनिया-राहुल के कनेक्शन उस सोरोस से हैं, जो खुलेआम कहता है कि मोदी सरकार को गिराने के लिए वह करोड़ों डॉलर बहा सकता है.

महेश जेठ मलानी ने क्या कहा?

इन आरोपों से चार कदम आगे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और पूर्व राज्यसभा सदस्य महेश जेठ मलानी चले गए. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर जो कुछ कहा है, उसके मुताबिक सोनिया गांधी के एफडीएल एपी के सह अध्यक्ष होने के नाते उनका संबंध जॉर्ज सोरोस से जुड़ता है, जिनका संगठन एफडीएल एपी को फंड करता है. चूंकि सोरोस का संगठन कश्मीर की आजादी की खुलेआम वकालत करता है, इसीलिए सोनिया पर यूएपीए के तहत गंभीर आपराधिक आरोप लगते हैं. यूएपीए के तहत अलगाववाद को बढ़ावा देना एक गंभीर अपराध है और इसीलिए एनआईए को कारवाई करनी चाहिए और एफआईआर दर्ज करनी चाहिए. यूएपीए से पहले देशद्रोह के आरोपों से आहत राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की और उनसे मांग की कि सदन में देशद्रोह के आरोप वाले बयान हटाए जाएं. 

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दरअसल, राहुल गांधी पर सोरोस के संबंधों को लेकर देशद्रोह का आरोप बीजेपी के जरिए सदन के अंदर और बाहर लगातार लग रहे हैं. सबसे पहले बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने ये आरोप लगाया, फिर बीजेपी के ही एक और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने भी यही आरोप लगाया. फिर लोकसभा के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने तो सदन में यह आरोप लगा दिया. यही आरोप संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने भी लगाया.

कांग्रेस क्या करेगी?

पिछले कई दिनों से संसद में सोरोस और सोनिया के संबंधों के सवाल छाए हुए हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस उद्योगपतियों के साथ संविधान के सवाल पर हंगामा कर रही है. बीजेपी का आरोप है कि सोनिया राहुल और सोरोस के संबंधों से ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस देश की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है. बीजेपी का यह भी आरोप है कि इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए ही कांग्रेस ने वीवीपैट का मुद्दा उछाला है और बीजेपी का यह भी आरोप है कि सोनिया राहुल और सोरोस संबंधों पर मुंह छिपाने के लिए कांग्रेस उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग कर रही है. अब सवाल है कि कांग्रेस क्या करेगी. खासकर उस स्थिति में जब उसके सहयोगी ही उसकी राजनीति और रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं. 

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UAPA क्या है?

यूएपीए है क्या इसका फुल फॉर्म है अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट. जिसका मतलब है गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम. इस कानून का मुख्य काम आतंकी गतिविधियों को रोकना होता है. इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए को काफी शक्तियां प्राप्त होती हैं. इसमें जांच के लिए एनआईए कि डीजी के निर्देश पर किसी शख्स की संपत्ति की कुर्की, जब्ती भी हो सकती है. यह कानून 1967 में आया था, जिसे 2019 में संशोधन के बाद और मजबूत कर दिया गया. इस संशोधन के बाद किसी को भी जांच के आधार पर आतंकवादी घोषित किया जा सकता है. यही नहीं इस कानून के तहत किसी व्यक्ति पर शक होने मात्र से ही उसे आतंकवादी घोषित किया जा सकता है. इसमें किसी आरोपी का किसी आतंकी संगठन से संबंध दिखाना भी जरूरी नहीं होगा. आतंकवादी का टैग हटवाने के लिए उसे कोर्ट के बजाय सरकार की बनाई गई रिव्यू कमेटी के पास जाना होगा, जिसके बाद आरोपी चाहे तो कोर्ट में अपील कर सकता है. 

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