सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर घरेलू वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाने और दूसरे वैक्सीनों के इस्तेमाल की इजाज़त देने की मांग की है. उन्होंने उम्र की बजाय ज़रुरत और एक्सपोज़र को वैक्सीन देने का आधार बनाने की भी मांग की है. उन्होंने कोविड से जुड़े हर मेडिकल वस्तुओं को जीएसटी रहित करने और आसन्न प्रतिबंधों के मद्देनज़र कमज़ोर तबके के लोगों को प्रतिमाह 6000 नकद आर्थिक सहायता देने की मांग की है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि उम्र की बजाय जरूरत के हिसाब से टीकाकरण का विस्तार किया जाए, राज्यों में संक्रमण की स्थिति के मुताबिक टीके उपलब्ध कराये जाएं तथा दूसरी कंपनियों के टीकों को आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति प्रदान की जाए. उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में यह भी कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जा रहे सख्त कदमों के मद्देनजर गरीबों को छह हजार रुपये की मासिक मदद मुहैया कराई जाए.
सोनिया ने शनिवार को हुई कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक का हवाला देते हुए पत्र में कहा, ‘‘टीका एक बड़ी उम्मीद है। दुख की बात है कि ज्यादातर राज्यों में तीन से पांच दिन का ही टीका बचा हुआ है। ऐसे में हमें टीके को यहां बनाने की गति तेज करने के साथ ही अन्य कंपनियों के टीके को आपात स्थिति में उपयोग की अविलंब मंजूरी देने की जरूरत है.''
उन्होंने यह भी कहा कि उम्र की बजाय जरूरत के मुताबिक टीके की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए तथा राज्यों को भी संक्रमण की स्थिति और आगे के अनुमान के आधार पर ही टीके उपलब्ध कराये जाएं. कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से यह आग्रह भी किया कि कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए सभी जरूरी चिकित्सा उपकरणों, दवाओं और संबंधित बुनियादी ढांचे को जीएसटी से मुक्त किया जाए.
उन्होंने कहा कि संक्रमण की स्थिति को देखते हुए रात्रिकालीन कर्फ्यू जैसे सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और ऐसे में गरीब एवं कमजोर तबके के लोगों को छह हजार रुपये की मासिक आर्थिक मदद दी जाए.