मेरी मां 78 साल की... राष्ट्रपति के लिए 'बेचारी' बयान पर घिरीं सोनिया, बचाव में उतरीं प्रियंका गांधी

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी का बचाव करते हुए कहा कि मेरी मां 78 वर्षीय महिला हैं, उन्होंने बस इतना कहा कि राष्ट्रपति जी इतना लंबा भाषण पढ़कर थक गई होंगी, बेचारी. मुझे लगता है कि वह उनके (राष्ट्रपति) प्रति अत्यंत सम्मान रखती हैं.

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नई दिल्‍ली :

कांग्रेस महासचिव और केरल की वायनाड सीट से सांसद प्रियंका गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद सोनिया गांधी द्वारा की गई एक टिप्पणी का बचाव किया है. भाजपा के आरोपों के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी टिप्‍पणियों की गलत व्‍याख्‍या की जा रही है. यह विवाद एक वीडियो क्लिप के बाद सामने आया है, जिसमें सोनिया गांधी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ अनौपचारिक रूप से बात कर रही हैं और राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण के बाद उनकी कथित थकावट को लेकर टिप्पणी करती हैं. 

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी का बचाव करते हुए कहा, "मेरी मां 78 वर्षीय महिला हैं, उन्होंने बस इतना कहा कि राष्ट्रपति जी इतना लंबा भाषण पढ़कर थक गई होंगी, बेचारी. मुझे लगता है कि वह उनके (राष्ट्रपति) प्रति अत्यंत सम्मान रखती हैं. मुझे लगता है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीडिया ने इस तरह की बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है. वे दोनों सम्मानित लोग हैं, वे हमसे उम्र में बड़े हैं. यह बिल्कुल स्पष्ट है कि उनका कोई अपमान करने का इरादा नहीं है."

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सोनिया गांधी ने क्‍या कहा?

सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद कहा कि वह अपने संबोधन के आखिर तक थक गई थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं.

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उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं...वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, बेचारी.''

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राष्ट्रपति भवन ने दी प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति के कार्यालय ने एक औपचारिक बयान जारी कर इन टिप्पणियों की निंदा की. साथ ही उन्हें "अस्वीकार्य" बताया और कहा कि वे "स्पष्ट रूप से उच्च पद की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं."

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बयान में कहा, "राष्ट्रपति भवन यह साफ करना चाहता है कि सच्चाई से दूर कुछ भी नहीं हो सकता है. राष्ट्रपति किसी भी वक्‍त थकी हुई नहीं थीं. वास्तव में उनका मानना ​​है कि हाशिये पर मौजूद समुदायों, महिलाओं और किसानों के बारे में बोलना जैसा वह अपने संबोधन के दौरान कर रही थीं, कभी भी थका देने वाला नहीं हो सकता है." 

इसके साथ ही बयान में कहा गया कि ऐसा हो सकता है कि ये नेता ‘‘हिंदी जैसी भारतीय भाषाओं के मुहावरे और विमर्श'' से वाकिफ नहीं हों, इसलिए इस तरह की गलत धारणा बना ली.

राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, ‘‘किसी भी मामले में, ऐसी टिप्पणियां गलत, दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह से टालने योग्य हैं.''

भाजपा ने की माफी की मांग 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा नेताओं ने सोनिया गांधी की टिप्पणियों की निंदा की है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर सामंती और अभिजात्य मानसिकता बनाए रखने का आरोप लगाया है, जो भारत के पहले आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करती है. 

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस के शाही परिवार का अहंकार आज देश ने फिर देखा है. आज हमारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद को संबोधित किया. उन्होंने देशवासियों की उपलब्धियों के बारे में बताया, विकसित भारत के दृष्टिकोण के बारे में बताया.''

उन्होंने कहा, ‘‘हिंदी उनकी मातृभाषा नहीं है, फिर भी उन्होंने बहुत ही बेहतरीन भाषण दिया, लेकिन कांग्रेस का शाही परिवार उनके अपमान पर उतर आया है.''

मोदी ने कहा कि ‘शाही परिवार' के एक सदस्य ने कहा कि आदिवासी बेटी ने ‘बोरिंग भाषण' दिया और दूसरी सदस्य ने तो इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए राष्ट्रपति मुर्मू को ‘‘बेचारी, गरीब, चीज और थकी हुई'' कहा.

उन्होंने कहा, ‘‘ये देश के आदिवासी भाई-बहनों का अपमान है.''

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोनिया गांधी की टिप्प्णी की निंदा की और मांग की कि वह राष्ट्रपति और भारत के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगें. 

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