सरकार अगर हमारी मांगों पर बातचीत शुरू नहीं करती है तो 15 अगस्त से शुरू करेंगे अनशन : सोनम वांगचुक

मार्च में वांगचुक ने लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 21 दिनों का अनशन किया था

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने रविवार को घोषणा की कि यदि सरकार लद्दाख के अधिकारियों को केंद्र शासित प्रदेश के लिए राज्य का दर्जा और संवैधानिक संरक्षण की मांगों पर बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं करती है तो वह स्वतंत्रता दिवस पर फिर से अनशन शुरू करेंगे. वांगचुक ने ‘पीटीआई-भाषा' के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि शीर्ष निकाय लेह (एबीएल) और लद्दाख के करगिल लोकतांत्रिक गठबंधन (केडीए) ने पिछले सप्ताह करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर द्रास के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मांगों का एक ज्ञापन सौंपा था.

उन्होंने कहा, ‘‘हम चुनाव के दौरान सरकार पर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहते थे, हमें उम्मीद थी कि नयी सरकार कुछ ठोस कदम उठाएगी. अगर वे हमारी मांगों पर गौर नहीं करते और हमें बातचीत के लिए नहीं बुलाते तो हम 15 अगस्त से एक बार फिर विरोध-प्रदर्शन शुरू करेंगे.'' मार्च में वांगचुक ने लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 21 दिनों का अनशन किया था ताकि पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र को ‘‘लालची'' उद्योगों से बचाया जा सके.

अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के निरस्त होने के बाद लद्दाख ‘‘बिना विधानसभा'' वाला एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गया. हालांकि, अब इस क्षेत्र का प्रशासन पूरी तरह नौकरशाहों के हाथ में है और लद्दाख के कई लोग मांग कर रहे हैं कि केंद्र शासित प्रदेश को छठी अनुसूची में शामिल किया जाए. छठी अनुसूची के तहत राज्य के भीतर विधायी, न्यायिक और प्रशासनिक स्वायत्तता के साथ स्वायत्त जिला परिषदों के गठन का प्रावधान होता है.

ये परिषदें अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत क्षेत्रों का प्रशासन करती हैं तथा राज्यपाल की सहमति से विशिष्ट मामलों पर कानून बनाती हैं. वे विवाद समाधान के लिए ग्राम परिषद का गठन करते हैं या न्यायालय स्थापित कर सकते हैं और अपने क्षेत्रों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा सहित सुविधाओं व सेवाओं का प्रबंधन कर सकते हैं. उनके पास कर लगाने और कुछ गतिविधियों को विनियमित करने का भी अधिकार होता है.
 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
US Elections से ठीक पहले सर्वे Kamala Harris और Donald Trump को लेकर क्या रुझान पेश कर रहे हैं?
Topics mentioned in this article