हनीमून पर पति की हत्या करवाने वाली सोनम रघुवंशी (Sonam Raghuvanshi) को लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल है. सोशल मीडिया पर सोनम रघुवंशी को लेकर तरह-तरह के पोस्ट किए जा रहे हैं. इससे पहले मेरठ की मुस्कान रस्तोगी (Muskaan Rastogi) की कहानी जब सामने आई थी, तब भी ऐसा ही कुछ माहौल देखा गया है. बेंगलुरु के आईटी इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के समय भी कमोवेश ऐसी ही स्थितियां बनी थी. बीते कुछ महीनों में महिलाओं खास कर पत्नी द्वारा पति की हत्या को लेकर जिस तरह की खौफनाक साजिशें रची गई, उससे पति-पत्नी के रिश्ते के साथ-साथ समाजिक ढांचे का ताना-बाना भी बिगड़ा है. महिलाओं द्वारा अंजाम दिए जा रहे इस तरह के खौफनाक वारदातों को लेकर NDTV ने अलग-अलग शहरों की महिलाओं से बात की. राजा रघुवंशी मर्डर केस में सोनम रघुवंशी को लेकर पुलिस ने जो जानकारियां दी है, उसपर महिलाओं की राय ली गई.
सोशल मीडिया और आर्थिक आजादी महिलाओं के क्राइम की मुख्य वजह
यूपी की राजधानी लखनऊ में NGO चलाने वाली रंजना सिंह, साइकॉलजिस्ट डॉ. सुनीता बालानी, बुलेट रानी के नाम से चर्चित महिला सामाजिक कार्यकर्ता दीप्ति अग्रवाल और स्पिरिचुअल स्पीकर सहर बानो ने इन घटनाओं को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. इनका मानना है कि सोशल मीडिया से लेकर आर्थिक आजादी और स्वावलंबन महिलाओं के आपराधिक प्रवृत्ति की मुख्य वजह है.
दहेज और घरेलू हिंसा के कानून का हो रहा गलत इस्तेमाल
इन महिलाओं ने कहा कि सामाजिक तौर पर आजादी मिलने और आर्थिक तौर पर मज़बूत हो रही महिलाओं को शायद ये लगता है कि जो काम अबतक पुरुष करते थे, वो ये महिलाएं क्यों नहीं कर सकतीं? साथ ही सोशल मीडिया भी इसके लिए ज़िम्मेदार हैं. इन महिलाओं ने कहा कि दहेज और घरेलू हिंसा को लेकर क़ानून ने जो महिलाओं को मज़बूती दी है, कुछ महिलाएं इसका बेज़ाँ इस्तेमाल कर रही हैं. इसलिए सरकार को क़ानून में भी कुछ बदलाव पर सोचना चाहिए.
देहरादून की महिलाओं ने क्या कुछ कहा
सोनम रघुवंशी मामले में देहरादून की महिलाओं का कहना है कि सोनम जब हत्या करने की हिम्मत रख सकती है तो अपने माता-पिता को भी शादी के लिए मना कर सकती थी. इस मामले में एनडीटीवी ने बुधवार को एक स्कूल टीचर, एक समाजसेविका, एक साइकोलॉजिस्ट के साथ-साथ एक युवती से भी बात की.
इन लोगों ने कहा कि महिलाओं को सभी तरह के आजादी दी गई है लेकिन अपना जीवन साथी सुनने के लिए भी उसे आजादी देनी चाहिए. इसके अलावा स्कूल टीचर का कहना है कि पर्सनैलिटी डेवलपमेंट और असली शिक्षा परिवार से शुरू होती है और परिवार को बच्चों के साथ खुलकर बातें करनी चाहिए.
'आज का समय और सोशल मीडिया इसके लिए जिम्मेदार'
दूसरी ओर बिहार की राजधानी पटना की निहारिका वर्मा ने कहा कि यह बहुत ही दुखद है, नवविवाहित जोड़े के साथ ऐसा होना अच्छा नहीं है. बहुत विश्वास का रिश्ता बनता है, जब आपस में शादी होती है. मां-बाप बहुत मुश्किल से रिश्ता तलाशते हैं चाहे वह लड़का हो या लड़की हो. ऐसे में युवा वर्ग शादी के लिए अब तैयार नहीं होंगे, आज का समय और सोशल मीडिया इसके लिए जिम्मेदार है.
'शादी नहीं करनी है तो पेरेंट्स को बताए'
पटना की ही मनाली वर्मा ने कहा कि बहुत ही दुखद घटना है. यह नहीं होना चाहिए राजा रघुवंशी के साथ यह नहीं होना चाहिए था, जो हुआ उनके साथ हुआ होना नहीं चाहिए था. अगर आपको शादी नहीं करनी है तो पहले आप अपने पेरेंट्स से बात करें. आप जिससे प्रेम करते हैं उसी से शादी करनी चाहिए. यह बात अपने पेरेंट्स को बतानी चाहिए थी तो एक निर्दोष की जान नहीं जाती.
पूर्णिमा अग्रवाल ने कहा कि उस बच्चे का तो कोई कुसर नहीं था, मां-बाप को पहले अपने बच्चों से पूछ लेना चाहिए. रिश्ता करने से पहले कि तुम्हारा कोई अफेयर तो नहीं चल रहा है, उसके बाद ही शादी की चर्चा करनी चाहिए और दबाव तो बिल्कुल नहीं डालना चाहिए. बच्चों की जहां इच्छा हो, वहां ही रिश्ता करना चाहिए.
सोनम ने बिल्कुल गलत किया, ऐसा नहीं होना चाहिए था
रिया ने कहा कि महिला ममता के लिए जानी जाती है फिर भी जिस तरह से इन महिलाओं ने जो किया वह बहुत ही दर्दनाक है. इस जमाने में बहुत गलत हो रहा है. हम भी अपने पेरेंट्स से बात करेंगे और समझने की कोशिश करेंगे फिर डिसीजन लेना है. अंवेशा ने कहा कि सोनम ने बिल्कुल गलत किया, ऐसा नहीं होना चाहिए था.
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