हममें से कुछ लोग सत्ता साझा करने पर भी सहमत नहीं... कांग्रेस के एक कार्यक्रम में बोले डी के शिवकुमार

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि भारत कांग्रेस की वजह से एकजुट रहा है और गांधी परिवार ने पार्टी को एकजुट रखा है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से 2029 में भाजपा को सत्ता से बेदखल करना सुनिश्चित करने के लिए एक टीम के रूप में योगदान देने का आग्रह किया.

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कांग्रेस ने देश को एकजुट रखा, गांधी परिवार ने पार्टी को एकजुट रखा: डी के शिवकुमार
नई दिल्ली:

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने एक कार्यक्रम में गांधी परिवार की जमकर तारीफ की और साथ ही कांग्रेस पार्टी में अपने लंबे कार्यकाल और कर्नाटक में पार्टी को सत्ता में लाने के अपने प्रयासों पर भी प्रकाश डाला. ‘संवैधानिक चुनौतियां: परिप्रेक्ष्य और रास्ते' विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय विधिक सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत कांग्रेस की वजह से एकजुट रहा है और गांधी परिवार ने पार्टी को एकजुट रखा है. साथ ही उन्होंने राजनीति में सत्ता के बंटवारे को लेकर एक दिलचस्प टिप्पणी की. एआईसीसी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शिवकुमार ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने के लिए सोनिया गांधी द्वारा किए गए ‘‘त्याग'' की सराहना की.

उन्होंने कहा, "जब राष्ट्रपति ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए कहा, तो उन्होंने कहा, 'मेरे लिए सत्ता महत्वपूर्ण नहीं है,' उन्होंने तय किया कि एक सिख, एक अल्पसंख्यक और एक अर्थशास्त्री देश को बचा सकता है और उन्हें प्रधानमंत्री बनना चाहिए."

उन्होंने आगे कहा, "क्या इतने बड़े लोकतंत्र में किसी ने इतना त्याग किया है? क्या आज कोई एक छोटे से पद का भी त्याग करता है? पंचायत स्तर पर भी, कई लोग ऐसा नहीं करते. कुछ विधायक और मंत्री सत्ता साझा करते हैं, लेकिन हममें से कुछ लोग सत्ता साझा करने के लिए भी सहमत नहीं होते."

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हालांकि शिवकुमार ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके और सिद्धारमैया के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते का विवाद किसी से छुपा नहीं है. उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को सीएम बनाने की मांग कई विधायक लगातार उठा रहे हैं.

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क्या है पूरा मामला

कर्नाटक कांग्रेस में इन दिनों घमासान मचा हुआ है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच तनाव खुलकर सामने आ चुका है. कहा जाता है कि 2023 में जब कांग्रेस सत्ता में आई थी, तब सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों 2.5-2.5 साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे. लेकिन अब तक इस पर कोई औपचारिक फैसला नहीं हुआ है. शिवकुमार गुट और लिंगायत नेता अब दबाव बढ़ा रहे हैं कि वादा निभाया जाए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला और खुद प्रियांक खरगे ने बयान दिया है कि मुख्यमंत्री बदलने पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, और यह निर्णय पार्टी हाईकमान को लेना है.

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